
पापरूपी अंधकार को नाश करने वाले हैं- प्रथम तीर्थेश आदिनाथ भगवान – भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज
सहारनपुर-जिसके हृदय में भक्ति का उदय होता है उसी के हृदय में सौभाग्य का उदय होता है। भक्ति भावों का दर्पण है। यदि आप जानना चाहते हैं कि आप स्वयं गुणवान है या नहीं ? यदि आप अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं? तो आपको कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है आप…