भिण्ड। परमार्थ से ही आनंद का रास्ता निकलता है, इसलिए हमें सदैव परहित की भावना के साथ काम करना चाहिए। उक्त बात जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक धर्मेंद्र सिसोदिया ने कही। वे जनपद सभागार भिण्ड में मप्र जन अभियान परिषद और आनंद विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अल्प विराम कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिला समन्वयक मप्र जन अभियान परिषद शिवप्रताप सिंह भदौरिया, जिला आनंद सम्पर्क अधिकारी संजय पंकज,मास्टर ट्रेनर प्रशांत भदौरिया, चंद्रकांत बौहरे सहित समस्त विभागों के 70 अधिक कर्मचारी और अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक समन्वयक, जन अभियान परिषद डॉ शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने और आभार प्रदर्शन सोहन सिंह भदौरिया ने किया।
भिण्ड जनपद पंचायत संभागर में अल्पविराम कार्यक्रम में बोलते हुए सम्भाग समन्वयक धर्मेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि शासकीय कर्मचारियों में सकारात्मकता के विकास और आनंद की अनुभूति कराने की दृष्टि से यह गतिविधियां बेहद उपयोगी हैं। विश्वास है इनसे हम सबको प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा हम सब आज के दौर में जिस आनंद को खोज रहे हैं सही मायने में वह हमारे अंदर ही है। हम सबको यह चाहिए कि जो अच्छा लगे वह जरूर करें। श्री सिसोदिया ने कहा “अल्प विराम केवल कुछ क्षणों का विश्राम नहीं, बल्कि जीवन की नई दृष्टि है। यह कार्यक्रम शासन की सेवाओं में मानवता, संवेदना और समर्पण को पुनः जागृत करने का माध्यम है। आनंद जीवन की अनुभूति है, इसे लक्ष्य नहीं साधना है, बल्कि इसे जीना सीखना है।” उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में यह आवश्यक है कि हम सभी स्वयं के भीतर झांके एवं देखें कि हमारा क्षमता एवं नजरिया क्या है क्या इसे हम अपनी नकारात्मकता, अवसाद, चिंता इत्यादि को हटा पा रहे है एवं तनाव मुक्त आनंद पूर्ण जीवन के लिए आगे बढ़ पा रहे है यदि हम मानसिक तनाव मे होते है तो हम अपना शत प्रतिशत नही दे पाते है इसलिए अवसाद को त्याग करें यही अल्पविराम का ध्येय भी है। जिला समन्वयक, जन अभियान परिषद डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने कहा—“वर्तमान समय की प्रतिस्पर्धा और कार्यकारी दबाव में कर्मचारी स्वयं से दूर हो रहे हैं। अल्प विराम मानव मस्तिष्क को शांत कर आत्मविश्वास, करुणा और संतुलन प्रदान करता है। यही शक्ति हमें समाज और शासन दोनों के लिए सार्थक योगदान देने में सक्षम बनाती है।” स्वयं को पहचानना ही सही आनंद है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं होती रहनी चाहिए। अल्पविराम आनंद तक ले जाने का जरिया है सही मायने में आनंद के लिए आपको ही जतन करना होगा। शारीरिक क्षमता के साथ साथ मानसिक क्षमता पर भी कार्य करने की आवश्यकता है जो इस कार्यशाला से हम स्वयं में देख सकते है, जॉच सकते है, सभी अधिकारी एवं कर्मचारी गण अपने उत्तरदायित्व को सकारात्मक भाव से करें। अपने कार्यों से लोगों को आनंदित करने का काम करें हम समाज के सरकार के महत्वपूर्ण घटक है हमको आनंदित होकर शासन की सारी योजनाओं को अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक आनंद के साथ पहुंचने का काम करना है इसके साथ-साथ हमें अपने परिवारको भी आनंदित करें ऐसे कार्य लगातार करते रहना चाहिए आपके करने से लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सके है ऐसे काम करें।
आनंद विभाग भिण्ड के जिला संपर्क अधिकारी संजय सिंह ने कहा “यदि मन शांत है तो निर्णय सही होते हैं, और यदि मन अशांत है तो साधन, संसाधन और पद किसी काम नहीं आते। यह कार्यक्रम हमे सिखाता है कि स्वयं को समझकर ही दूसरों को समझा जा सकता है।”
मास्टर ट्रेनर प्रशांत भदौरिया एवं चंद्रकांत बौहरे द्वारा विविध अनुभवात्मक गतिविधियाँ एवं चिंतन आधारित संवाद कराए गए। सत्र में—चिंता का दायरा और प्रभाव का दायरा, स्वयं से संवाद (Self Talking), रिश्तों में सामंजस्य और विश्वास निर्माण,आंतरिक ऊर्जा एवं आत्म-प्रेरणा, भावनाओं का प्रबंधन एवं सकारात्मकता, फ्रीडम ग्लास जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। ट्रैनर प्रशांत भदौरिया ने अपने सत्र में जीवन का लेखा जोखा (लाइफ बैलेंस शीट) के बारे में बताया कि उन्होंने कब कब किस किसकी निःस्वार्थ मदद की है और किन किन ने उनकी निःस्वार्थ मदद की है। भोजनोपरांत तृतीय सत्र में मास्टर ट्रेनर चंद्रकांत बौहरे ने सत्र चिंता का दायरा और प्रभाव का दायरा के माध्यम से प्रतिभागियों को चिंता के दायरे से बाहर निकाला तथा रिश्ते (रिलेशनशिप) के द्वारा रिश्तों प्रगाढ़ता और दरार लाने बाले कारकों से परिचित कराया। मास्टर ट्रेनर प्रशांत भदौरिया ने स्वयं से स्वयं की मुलाकात संपर्क सुधार के बारे में बताया। रियल लाइफ उदाहरण, समूह चर्चा, मैडिटेशन एवं अनुभव साझा करने से प्रतिभागी भावुक भी हुए और प्रेरित भी। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव एवं फीडबैक शेयर किया, तथा प्रमाण पत्र वितरण किया गए। अल्पविराम कार्यशाला में विकासखंड के महिला बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग,नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,आदिम जाति कल्याण विभाग, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग खेल एवं युवक कल्याण विभाग सहित अन्य विभाग के 70 अधिकारी/कर्मचारी ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक समन्वयक,जन अभियान परिषद डॉ शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने और आभार प्रदर्शन सोहन सिंह भदौरिया ने किया
परमार्थ सेवा से निकलता है आनंद का रास्ता : संभाग समन्वयक धर्मेंद्र सिसोदिया

