सैद्धान्तिक ज्ञान को व्यवहारिक रूप में समझने का अवसर है – औधोगिक भ्रमण

कक्षा में हम जो सैद्धान्तिक ज्ञान हासिल करते हैं, औधोगिक भ्रमण के दौरान उसको व्यवहारिक रूप में सीखने का अवसर प्राप्त होता है। यही कारण है कि विभिन्न व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में औधोगिक भ्रमण का प्रावधान किया जाता है – यह बात वाणिज्य एवं व्यवसाय अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. एस.के. सिंह ने बी.काॅम.(आनर्स) पंचम सेमेस्टर के छात्र/छात्राओं को सांची दुग्ध संघ मर्यादित बानमोर के लिये औधोगिक भ्रमण में जाते समय छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सभी छात्र/छात्राऐं भ्रमण के दौरान सांची दुग्ध संघ का गठन कब और किस उद्वेश्य से किया गया था और वहाॅं दुग्ध संग्रहण, परीक्षण और प्रसस्ंकरण क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है और कौन कौन सी प्रमुख मशीने और तकनीकी अपनाई जाती है ये सभी आवश्यक जानकारी लिखित रूप में एकत्रित कर अपनी रिपोर्ट में शामिल करें। उन्होंने कहा कि औधोगिक भ्रमण के दौरान आपका अच्छा व्यवहार संस्थान एवं विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेगा। वाणिज्य एवं व्यवसाय संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. राजेन्द्र खटीक ने कहा कि भ्रमण के दौरान अनुशासन का विशेष ध्यान रखें और शिक्षकों/मार्गदर्शकों द्वारा दिये गये निर्देशों का पूरी तरह से पालन करे। छात्र/छात्राओं के साथ मार्गदर्शक के रूप में भ्रमण दल में डाॅ. सुनीता चैहान, डाॅ.मौनिका तलरेजा, डाॅ. उमा शर्मा, डाॅ.रेनू पारस, एवं श्री अविनाश गुर्जर के अलावा कई शोधार्थी मौजूद थे।

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