अल्प विराम आत्ममंथन और कार्यक्षमता बढ़ाने का माध्यम है” — सीईओ राजधर पटेल

अटेर (भिण्ड)। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद एवं आनंद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विकासखंड स्तरीय एक दिवसीय “अल्प विराम परिचय कार्यक्रम” का आयोजन अटेर में स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई.) के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर जीवन मूल्यों, आत्मसंवाद, ध्यान और सकारात्मक सोच पर आधारित सत्रों का अनुभव किया।

कार्यक्रम का उद्देश्य शासकीय कर्मचारियों में तनावमुक्त वातावरण का निर्माण, आत्ममंथन की भावना जागृत करना और आनंदमय जीवन दृष्टिकोण को विकसित करना था।

कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अटेर श्री राजधर पटेल, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद भिण्ड डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया तथा जिला समन्वयक आनंद विभाग भिण्ड श्री संजय सिंह, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

श्री राजधर पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा —“अल्प विराम का अर्थ केवल रुकना नहीं, बल्कि स्वयं से जुड़ने का अवसर है। प्रशासनिक कार्यों की व्यस्तता के बीच आत्ममंथन का यह समय हमें भीतर से मजबूत और शांत बनाता है। जब व्यक्ति स्वयं में संतुलित होता है, तभी वह समाज में संतुलन और विकास का माध्यम बनता है।”

डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद भिण्ड ने कहा —“अल्प विराम केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह आनंद की यात्रा है। आज के भौतिक युग में जब व्यक्ति बाहरी सुख-सुविधाओं के पीछे भाग रहा है, वहीं आनंद भीतर की अनुभूति है जो निस्वार्थ सेवा, सकारात्मक सोच और मानवीय मूल्यों से प्राप्त होती है। जन अभियान परिषद इसी भाव को समाज में जागृत करने का कार्य कर रही है।”

श्री संजय सिंह, जिला समन्वयक आनंद विभाग भिण्ड ने कहा —“आनंद विभाग व्यक्ति को अपने भीतर झाँकने की प्रेरणा देता है। जब मन शांत होता है, तभी हम सही निर्णय ले सकते हैं और जीवन में सच्चे अर्थों में खुश रह सकते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने जीवन में भावनात्मक संतुलन और आत्मसंतुष्टि को स्थान दे सकते हैं।”

🍃 भोजनोपरांत तृतीय सत्र में आत्मसंबंध और रिश्तों पर गहन चर्चा भोजनोपरांत आयोजित तृतीय सत्र में मास्टर ट्रेनर चंद्रकांत बौहरे और प्रशांत भदौरिया ने “चिंता का दायरा और प्रभाव का दायरा” विषय पर प्रतिभागियों को चिंतनशील गतिविधियों के माध्यम से चिंता के दायरे से बाहर निकलने की प्रेरणा दी। इसके बाद “रिश्ते (रिलेशनशिप)” विषय पर संवाद सत्र हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को रिश्तों की प्रगाढ़ता बढ़ाने एवं उनमें दरार लाने वाले कारकों से परिचित कराया गया।

मास्टर ट्रेनर प्रशांत भदौरिया ने “स्वयं से स्वयं की मुलाकात और संपर्क सुधार” विषय पर कहा कि आत्मसंवाद ही व्यक्ति के वास्तविक विकास का आधार है।
विकासखंड समन्वयक सोहन सिंह भदौरिया ने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “जब हम स्वयं से संवाद करना प्रारंभ करते हैं, तब भीतर का शुद्ध चिंतन हमें सुमार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव और फीडबैक साझा किए तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इस अल्प विराम कार्यशाला में विकासखंड के महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, पुलिस, राजस्व, नगरीय प्रशासन एवं विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आदिम जाति कल्याण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी, खेल एवं युवक कल्याण विभाग सहित विभिन्न विभागों के लगभग 60 अधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन विकासखंड समन्वयक जन अभियान परिषद अटेर श्री सोहन सिंह भदौरिया द्वारा किया गया

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