इंदौर
गोम्मटगिरि पर गूंजेगा आत्मजागरण का महापर्व
31 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक दीक्षा, भक्ति और आचार्य श्री विभव सागर स्वर्ण जयंती का अद्वितीय संगम धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू और कार्यक्रम संयोजक आकाश पांड्या ने बताया कि आचार्य भगवन् 108 विभव सागर जी महामुनिराज के सान्निध्य में दिगंबर जैन समाज “विभव स्वर्ण जयंती एवं दीक्षा महोत्सव” के रूप में एक ऐतिहासिक तीन दिवसीय आत्मजागरण पर्व मनाया जा रहा है। नगर के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र गोम्मटगिरि पर यह आयोजन भक्ति, अनुशासन और आत्मकल्याण की अद्भुत प्रेरणा बनेगा — जहाँ भावी दीक्षार्थीयो की भव्य जेनेश्वरी दीक्षा वैराग्य के दीपों की तरह जगमगाएगी और हर समाज जन का हृदय भक्ति से सरोबार होगा। आकाश पांड्या ने कहा कि कार्यक्रम की भव्य शुरुआत
31 अक्टूबर — घट यात्रा से होगा शुभारंभ, इंदौर नहाएगा भक्ति के रंग में प्रातः 6:00 बजे गांधीनगर से 51 मुनि-आर्यिका संसघ के सान्निध्य में भव्य घट यात्रा प्रारंभ होगी, जो गोम्मटगिरि तीर्थ तक पहुँचेगी।
प्रातः 8:00 बजे भव्य ध्वजारोहण एवं मण्डप उद्घाटन से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा।दोपहर 1:00 बजे भावी दीक्षार्थियों की हल्दी-मेंहदी रस्म में 1500 से अधिक महिलाओं एवं महिला परिषद् महिला मंडल की सहभागिता समाज की एकता और श्रद्धा का प्रतीक बनेगी।
संध्या 7:00 बजे सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों की प्रस्तुतियाँ भक्ति और वैराग्य का संदेश देंगी।
“रक्षाबंधन एवं दीपावली विशेष प्रस्तुति” भव्य नाटीका भाव-विभोर कर देने वाला दृश्य प्रस्तुत करेंगी।
1 नवम्बर — गणधर विलय विधान और आचार्य श्री स्वर्ण जयंती का भव्य संगम
प्रातः 6:00 बजे 48 मंडलों पर गणधर विलय विधान, जिसमें समाज के 48 परिवार और भावी दीक्षार्थीयो एक साथ भक्ति साधना करेंगे।
प्रातः 11:00 बजे पूर्व आहार चर्या, और दोपहर 1:00 बजे आचार्य भगवन् विभव सागर जी के सान्निध्य में विभव स्वर्ण जयंती महोत्सव का शुभारंभ होगा। ददू ने कहा कि इस आयोजन में देशभर से आए 1000 से अधिक अतिथि एवं 125 युवा मंडलों की उपस्थिति इस दिन को ऐतिहासिक बनाएगी। विशेष आकर्षण —
9 वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर एवं 200 अवॉर्ड प्राप्त मोटिवेशनल स्पीकर जैन समाज गोरव सौरभ जैन (जयपुर) का प्रेरणादायक संबोधन।
संध्या 7:00 बजे दीक्षार्थियों की भव्य विदाई शोभायात्रा बेंड बाजों बग्गियाँ, घोड़े, डोल-ताशे और हजारों श्रद्धालुओं के साथ भक्ति और वेरागभाव की अनोखी वेराग्य की ऐतिहासिक बरात अनोखा दृश्य रचेगी।
2 नवम्बर रविवार को— आत्मा के नवजीवन का शुभ क्षण स्थान : गोम्मटगिरि, इंदौर
पर 10 दीक्षार्थियों का महामंगलकारी जेनेश्वरी दीक्षा समारोह।
प्रातः 4:00 बजे से केशलोंचन संस्कार — वैराग्य और भक्ति का अद्वितीय संगम।
प्रातः 8:00 बजे भगवान बाहुबली स्वामी का अतिशयकारी चरणाभिषेक, जो सौभाग्य और आस्था का दिव्य अनुभव देगा।
दोपहर रविवार 12:00 बजे से आचार्य भगवन् विभव सागर जी मुनिराज के करकमलों से
10 दीक्षार्थियों का महामंगलकारी दीक्षा संस्कार प्रारंभ होगा, जो सायं 4:00 बजे तक चलेगा।
संध्या 7:00 बजे 1008 दीपों से आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ वैराग्य की ज्योति सम्पूर्ण गोम्मटगिरि पर फैलेगी।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधा
31 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक रजिस्ट्रेशन के माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं हेतु
सुबह एवं शाम की भोजन व्यवस्था आयोजन समिति द्वारा सुनिश्चित की गई है।
यह केवल आयोजन नहीं — आत्मा के नवजागरण का उत्सव है ।
जहाँ त्याग बने आनंद और वैराग्य जगमगाए दीपों की तरह। नमोस्तु शासन जयवंत हो
गोम्मटगिरि पर गूंजेगा आत्मजागरण का महापर्व

