भरत मनावन लीला में भावुक हुए दर्शक श्रीराम की खड़ाऊ लेकर अयोध्या लौटे भरत

जसवंतनगर/इटावा-विश्वविख्यात जसवंतनगर की मैदानी रामलीला में मंगलवार देर शाम भरत मनावन लीला का भावपूर्ण मंचन हुआ। मैदान में हजारों दर्शक उपस्थित रहे।मंचन के दौरान जब भरत को ज्ञात होता है कि श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास मिला है और महाराज दशरथ का देहावसान हो चुका है, तो वे व्याकुल होकर वन की ओर प्रस्थान करते हैं। वहां पहुंचकर भरत श्रीराम से अयोध्या लौटने की प्रार्थना करते हैं, लेकिन श्रीराम धर्म और प्रतिज्ञा का स्मरण कराते हुए मना कर देते हैं।भावुक प्रसंग तब आया जब भरत ने श्रीराम की चरण पादुका अपने सिर पर धारण की और प्रण किया कि वे स्वयं को केवल उनका सेवक मानकर राज्य का संचालन करेंगे। इस दृश्य से पूरा मैदान भावनाओं से सराबोर हो उठा। दर्शकों की आँखें नम हो गईं और “जय श्रीराम” व “भरत जी की जय” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा।लीला में राम की भूमिका अभय चौधरी, सीता की गोपाल पारासर, लक्ष्मण की गोपाल बाजपेई,भरत पार्थ अग्निहोत्री,और व्यास श्री रामकृष्ण दुबे द्वारा लीला सम्पन्न कराई जा रही है श्री राम दल कार्य मे प्रण दुबे और श्रेयश मिश्रा अपना महत्वपूर्ण समय प्रमुखता से दे रहे है.

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