सिद्धपीठ श्री गंगा दास जी की शाला में श्राद्ध पक्ष के अवसर पर पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी रामसेवक दास जी महाराज ने बताया कि किसी भी धार्मिक कार्य की पूर्णता हवन के द्वारा ही सम्पन्न होती है विगत सात दिन से चल रही भागवत कथा का विश्राम हवन के साथ हुआ महाराज जी ने बताया की हवन करने से देवता तो प्रसन्न होते ही है उस के साथ प्रकृति भी शुद्ध होती है हवन की सुगन्ध से अनेक रोगों का नास होता है जल वायु पवित्र हो जाती है सिद्धपीठ में कार्यक्रम के आचार्य श्री प्रदीप गोस्वामीजी ने पूरे विधि विधान से वेद मंत्रो का उच्चारण करते हुए हवन कराया हवन की पूर्ण आहुति पश्चात संतों एवं भक्तों का विशाल भंडारा हुआ । पूर्ण आहुति में मुख्य यजमान श्रीमती सुर्भी शिवांश शर्मा
श्रीमती संध्या हरिशंकर हरदेसिया श्री मती सीमा समाधिया महासचिवश्रीमती ममता सुशील कटारे तन्मय कटारे एवं सभी भक्त शामिल हुए और श्रीमद् भागवत कथा का समापन हुआ। नवरात्रि प्रारंभ में मां अन्नपूर्णा जी का अभीषेक किया। श्री सूक्त, पुरुष सूक्त, कनकधारा, एवं मां अन्नपूर्णा जी के सहस्त्र नामावली से अभिषेक किया और नित्य दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा पाठ सम्पूर्ण नवरात्रि तक चलेगा।
यज्ञ हवन से देवता प्रसन्न होते है ओर प्रकृति शुद्ध होती है
