इटावा-दशलक्षण महापर्व के त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है महापर्व के छटवें दिन उत्तम संयम के दिन प्राचीन पंचायती मंदिर पंसारी टोला में प्रातःकाल श्रीजी अभिषेक और शांतिधारा पीले वस्त्र धारण इंद्र द्वारा किया गया इसके महिलाएं और पुरूषों के भक्ति के साथ सुंगध दशमी का पूजन किया गया जिसमे महिलाओं और पुरूषों ने बढचढकर हिस्सा लिया नशिया जी सराये शेख बरहीपुरा, फूलनदेवी डांडा, लालपुरा करनपुरा, नयाशहर चौगुर्जी आदि जैन मे कार्यक्रम का आयोजन चल रहा है सांयकाल श्रीजी भक्ति के साथ महाआरती और कार्यक्रम किये गये है नीता जैन से बताया कि एक श्रीमति नाम की एक महिला ने एक मुनिराज पर अविनय कर दिया था, निंदा करने से उसे मरकर भैंस, गधिया, सुकरी बनने के बाद पुनः स्त्री जाति में जन्म मिला, वह भी कोड़ी बदबूदार इसलिए उसका नाम दुगंर्धा हुआ। पूजा जैन पोद्वार ने बताया कि महिला के शरीर इतनी दुर्गंध आती थी कि उसके पास कोई खड़ा नही होता था फिर वो एक मुनिराज के पास गई मुनिराज ने उसे कहा कि तुमने एक मुनि की निंदा की थी आप भाद्रमाह के दशमी के दिन सुंगधदशमी का वृत रखो तो आपके शरीर से दुर्गन्ध समाप्त हो जायेगी, नियम का पालन किया, इसलिए सुंगध दशमी मनाई जाती है लवली व्यूटी पॉर्लर से जैन धर्म समाज सेवी लवली जैन ने बताया कि सुगंध दशमी का वृत बड़ा महत्व माना गया सभी महिलाओं को इस दिन वृत्त रहना चहिये। श्वेता जैन ने बताया कि दशलक्षण पर्व साल मे तीन बार आते है लेकिन शुक्ल पक्ष भादो माह में ही सुंगधदशमी का वृत रखा जाता है श्रृद्धा जैन ने बताया कि सुंगध दशमी वृत महिलाएं के लिये ही नही होता है ये वृत सभी लोग रख सकते है
जैन मंदिरों मे उत्तम संयम के दिन सुंगध दशमी का किया भक्ति नृत्य के साथ पूजन
