इटावा- इटावा सफारी पार्क पारिस्थितिकी तंत्र बहाली (इकोरेस्टोरेशन) की एक अद्भुत पहल है। यमुना नदी के बीहड़ के एक छोटे से भूभाग को सफारी पार्क के रूप में विकसित किया गया है। सफारी पार्क का संपूर्ण क्षेत्रफल 350 हेक्टेयर है जिसके लगभग आधे भाग में पाँच सफारी संचालित की जा रही है। शेष भाग बफर क्षेत्र के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। पूरे सफारी पार्क में अब तक वनस्पतियों की 451 प्रजाति, चिड़ियों की 241, तितलियों की 73 एवं मोथ की 51 प्रजातियां सूचीबद्ध की जा चुकी है। सरीसृप की संख्या भी काफ़ी अधिक है जिसमे इस क्षेत्र में पाए जाने वाले विशालकाय अजगर भी शामिल है। इस प्रकार से यमुना नदी के बीहड़ का छोटा सा भूभाग जैवविविधता से भरा हुआ है। हर वर्ष कुछ नए मेहमानों के सफारी परिसर में आने से उपरोक्त संख्या में इजाफा होता जा रहा है। गत वर्ष हिमालयन ग्रिफन वल्चर ( गिद्ध) द्वारा सफारी पार्क में विश्राम के कुछ लम्हें बिताए थे।वर्तमान में गुलाबी मैना (रोज़ी स्टर्लिंग) नामक विदेशी पक्षी के एक बड़े समूह द्वारा सफारी पार्क में प्रवास किया जा रहा है। पक्षी विदों के अनुसार गुलाबी मैना का सिर छाती व पूंछ काले रंग का होता है साथ ही शरीर पर नारंगी एवं नीले रंग का चमकीला भाग दिखायी देता है। इसके नर और मादा एक ही तरह के दिखते है परन्तु प्रजनन के समय नर का रंग मादा से अधिक चमकदार प्रतीत होता है। सामान्यतः ये पक्षी अगस्त सितंबर में प्रवास हेतु इस क्षेत्र में आते हैं परन्तु इस वर्ष कुछ पहले ही इनका आगमन हुआ है। इटावा सफारी पार्क एवं इसके आसपास क्षेत्र में बढ़ रही जैव विविधता इटावा जनपद के लिये बहुत ही गौरव का विषय है।उक्त के अतिरिक्त सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि इटावा सफारी पार्क में पर्यटकों हेतु संचालित प्रकृति चित्रण केन्द्र में अब रक्षाबन्धन के पावन पर्व पर 9 अगस्त दिन शनिवार से समस्त पर्यटकों हेतु निःशुल्क रहेगा। उसके बाद भी निःशुल्क रहेगा।समस्त पर्यटकगण अब इस प्रकृति चित्रण केन्द्र का निःशुल्क अवलोकन कर सफारी पार्क एवं प्रदेष के अन्य वन्यजीव स्थलों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
सफारी पार्क मे संचालित प्रकृति चित्रण केंद्र रक्षाबंधन के दिन निःशुल्क
