प्रकृति पूजा ही वास्तविक गोवर्धन पूजा है : अचार्य श्री मुकेश पचौरी

सिद्धपीठ श्री गंगा दास जी की साला में झूलन महोत्सब के अबसर पर पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री मद भागवत कथा में पूज्य आचार्य जी ने गोवर्धन पूजा की कथा के माध्यम से प्रकर्ति पूजा का संदेस दिया आचार्य जी ने कहाँ की हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए आज हम सब प्रकृति से छेड़ छाड़ कर रहे है इसलिए आज प्रकृति भी बिपरीत होती जा रही है इस लिए प्रभु ने गोबर्धन पर्बत की पूजा करा कर जन मानुस को यह संदेस दिया की हमें प्रकृति की पूजा एवं रक्षा करना चाहिए ओर हर किसी को जीवन में वृक्ष जरूर लगाना चाहिए कथा में प्रभु की बाल लीला माखन चोरी लीला के माध्यम से समस्त भक्तो को आनंद प्राप्त हुआ एवं तुलसी जयंती के बारे में भी बताया गोस्वामी तुलसी दास जी ने राम चरित मानस के रूप में हमें अनमोल ग्रन्थ दिया है उन्होंने बताया की रामायण की एक एक चोपाई में वेदो का सार निहित है रामायण हमें जीना सिखाती है कथा के विश्राम में गोबर्धन की पूजा ओर छपन भोग लगाया गया ओर सभी भक्तो ने पूजन किया इस मोके पर परम पूज्य महंत स्वामी श्री राम सेवक दास जी महारज मुख्य यजमान श्री मति मुन्नी देवी कटारे श्री प्रकाश शर्मा श्रीमती इंद्रा शर्मा श्री दीपक शर्माभूतपूर्व विधायक श्री मुन्नाभाई गोयल , श्री ऋषिकेश स्वामी, बलराम शर्मा, श्री अशोक पटसारीया मदन मोहन कटारे श्रीमती हेमलता कटारे श्री सतीश कटारे श्रीमती नीता कटारे द्वारा आचार्य ने बिधि विधान से पूजा कराया गया एवं रात्रि में सुन्दर रास लीला का मंचन किया गया जिसमे मीरा बाई के सुन्दर चरित्र का बर्णन किया गया एवं मोर नृतय देख करके लोग मन्त्र मुग्द हो गए।

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