प्रदेश महामंत्री प्रेसवार्ता मे बोले इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का किया दुरुपयोग

इटावा-भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे दुःखद और काला अध्याय आपातकाल की 50 वीं बरसी पर सिचाई विभाग गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री व पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल ठोक दिया यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है वह संविधान और देश की आत्मा को तक पर रखने से पीछे नहीं हटते। 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस इस मानसिकता के साथ चल रही है आज भी सिर्फ तरीकों का बदलाव हुआ है नियत आज भी वैसे ही तानाशाही वाली है। इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया। जबकि ना उसे समय कोई युद्ध की स्थिति थी ना विद्रोह और ना ही कोई आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी। जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थी इस संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया। जब जब कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया गया है उसने ना जनादेश का सम्मान किया है ना विपक्ष की गर्म बनाए रखी है वह आज भी लोकतंत्र को तभी मानती है जब कुर्सी उसके पास हो। प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण कुमार अन्नू गुप्ता, सदर विधायक सरिता भदौरिया, पूर्व सांसद रघुराज शाक्य, पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया,जिला महामंत्री शिवाकांत चौधरी, जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य, पूर्व चेयरमेन सौरभ दीक्षित उपस्थित रहें।

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