अति कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने के अभियान में कोई ढ़िलाई न हो जिला स्तरीय पोषण समिति की बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश

ग्वालियर 28 नवम्बर 2025/ अति कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने के लिये एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द्र) की क्षमताओं का पूरा उपयोग करें। साथ ही जिले में समाज की भागीदारी से चलाए जा रहे सुपोषण अभियान में कोई ढ़िलाई न हो। अभियान के तहत कम वजन के बच्चों को जनप्रतिनिधिगणों, सेवाभावी नागरिकों एवं अधिकारियों को गोद दिलाने का काम प्रमुखता से करें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिला स्तरीय पोषण समिति की बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं व बच्चों के कल्याण व सशक्तिकरण के लिये सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई ढ़िलाई न हो।
जिले के विभिन्न एनआरसी में कुछ बैड खाली होने की स्थिति सामने आने पर कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नाराजगी जताई। उन्होंने इस लापरवाही पर संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) की वेतन वृद्धियां रोकने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित करें कि जिले के सभी एनआरसी में कोई भी बैड खाली न रहे। ज्ञात हो जिले के अंतर्गत ठाठीपुर डबरा भितरवार, मोहना व बरई में एनआरसी संचालित हैं।
बैठक में बताया गया कि जिले में अति कम वजन के 331 बच्चे जनप्रतिनिधिगणों एवं सेवाभावी नागरिकों ने गोद लिए हैं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान की पहल पर चलाए जा रहे इस पुनीत अभियान के माध्यम से जिले के सैंकड़ों बच्चे अब पूर्णत: सुपोषित हो चुके हैं।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सोजान सिंह रावत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती उपासना राय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी श्री हरिओम चतुर्वेदी एवं जिले की विभिन्न परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना अधिकारी मौजूद थे।
हर महिला व बच्चे की बनवाएं आभा आईडी
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बैठक में निर्देश दिए कि हर गाँव में जितनी समग्र आईडी बनी हैं, उन सभी की आभा आईडी बनवाएं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका एवं एएनएम के सहयोग से यह काम प्रमुखता से कराया जाए। उन्होंने कहा आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों सहित जन्म से पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों की आईडी बनवाई जाएं। ज्ञात हो आभा आईडी में व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी रहती है, जिससे अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के समय चिकित्सक को आभा आईडी से पूरी जानकारी मिल जाती है। सरकार द्वारा हर व्यक्ति की आभा आईडी तैयार करने का काम कराया जा रहा है।
ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज न करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन काटें
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने विशेष जोर देकर कहा कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र निर्धारित समय पर खुलें और केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की उपस्थिति सुनिश्चित हो। उन्होंने निर्देश दिए कि जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करा रही हैं, उनका अनुपस्थित दिवसों का वेतन काटा जाए। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के लिये विशेष मुहिम चलाने के निर्देश भी दिए।
हर परियोजना में पाँच – पाँच आदर्श आंगनबाड़ी बनाएं
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सोजान सिंह रावत ने जिले की प्रत्येक बाल विकास परियोजना के अंतर्गत कम से कम पाँच आंगनबाड़ी केन्द्रों को आदर्श बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने एक हफ्ते में इसका विस्तृत प्लान मांगा है।
इन कार्यक्रमों की भी हुई समीक्षा
जिला स्तरीय पोषण समिति की बैठक में मुख्यमंत्री पोषण आहार वितरण कार्यक्रम, मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम, समुदाय आधारित गतिविधियां, महिलाओं व बच्चों के आधारकार्ड की स्थिति व निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्र सहित सरकार द्वारा महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने बैठक में मौजूद मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला आयुष अधिकारी को निर्देश दिए कि दोनों विभाग अति कम वजन के बच्चों के लिये तत्परता से आवश्यक दवायें उपलब्ध कराई जाएं।
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