
सदैव स्मरण रखें – “मुझे भगवान की खोज करना है”– भावलिंगी संत आचार्य श्री विमर्श सागर जी मुनिराज
33 पीछी धारी दिगम्बर साधु-साध्वी के साथ पधारे आचार्यश्री विमर्श सागर जी महामुनिराज खतौली धर्मनगरी की धश हुई पावन – पवित्र । कण-कण हुआ गुरु भक्ति में सराबोर । आबाल-वृद्ध समुदाय में एकत्रित होकर 12 जून की प्रातः बेला में पहुंच गया खतौली से से सलावा अतिशय क्षेत्र । सैकड़ों की संख्या में भक्तसमूह के…