
जीवन को जीवंत कर देते है गुरु, गुरु के बिना जीवन शुरू नहीं होता शुरू
जाए तो “गु”अर्थात अंधकार “रु” अर्थात प्रकाश जो अधंकार से प्रकाश की ओर ने से नारायण तीतर से तीर्थंकर फर्श से अर्श की यात्रा करवा देवे वहीं सच्चा गुरु कहलाता है। पारस जैन पत्रकार ने बताया कि दो तरह से होते है एक लौकिक गुरु दूसरे आध्यात्मिक गुरु । मेने एक भजन लिखा है उसके…