इटावा। इष्टिकापुरी की पवित्र धरती रविवार को एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी जब 1108 कुण्डीय मृत्युंजय माँ पीतांबरा महायज्ञ की पूर्णाहुति विधि-विधान से,सौम्य गरिमा और दिव्य माहौल के बीच सकुशल संपन्न हुई।आज की पूर्णाहुति में हवनार्थी श्रद्धालुओं का प्रातःकाल से ही सैलाब उमड़ पड़ा और घंटों तक उनके आने एवं जाने का तांता लगा रहा जिन्होंने एक साथ यज्ञशाला में उपस्थित होकर आहुतियाँ अर्पित कीं और माँ पीतांबरा, भगवान मृत्युंजय,समस्त देवशक्तियों, पितरों तथा गुरुओं के प्रति अपनी गहन श्रद्धा समर्पित की।इटावा के धर्मप्रेमीजनों के उत्साह और सहयोग को देखते हुए इस अवसर पर यज्ञाधीश रामदास महाराज ने इटावा में एक बड़ा गुरुकुल खोले जाने की भी घोषणा की।कन्नौज के कद्दावर भाजपा नेता सुब्रत पाठक ने भी पूर्णाहुति में भाग लिया, जिन्होंने बिधूना और कन्नौज में हुए महायज्ञों में भी बहुत सहयोग किया था। सद्गुरुदेव भगवान रामदास महाराज ने इटावा की धर्मनिष्ठ और भावपूर्ण जनता को विशेष आशीर्वाद देते हुए कहा कि ऐसा विशाल और अद्वितीय आयोजन तभी सम्भव होता है जब जनता अपने नगर एवं धर्म के प्रति समर्पित भाव से खड़ी होती है। पूर्णाहुति के तुरंत बाद सद्गुरुदेव की परंपरा के अनुसार छोटी कन्या द्वारा पर्ची निकालकर अगले महायज्ञ के स्थान का निर्धारण किया गया,जिसमें अगला महायज्ञ जनपद फिरोजाबाद में संपन्न होने की घोषणा की गई। लकार्यक्रम में योगी राकेशनाथ जी ऋषिकेश, महामंडलेश्वर शिवम शंभू महाराज,पूर्व मंत्री सुखदा मिश्रा,संघ के विभाग संचालक विनोद चंद्र पांडेय उनकी धर्मपत्नी शारदा पांडे,सह विभाग संघ चालक राम नरेश शर्मा भी शामिल हुए। यह महायज्ञ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इष्टिकापुरी की आत्मा को ऊर्जावान करने वाला, उसके वातावरण को पावन करने वाला और समाज के सामूहिक भाव को एकजुट करने वाला दिव्य अनुष्ठान रहा। यज्ञ की अग्नि में समर्पित प्रत्येक आहुति ने नगर के आध्यात्मिक तेज को बढ़ाया, वायुमंडल को शुद्ध किया,और जन-मन के भीतर से विकारों को शांत कर,सौभाग्य,आरोग्य और समृद्धि का आह्वान किया।यज्ञ का यह प्रभाव केवल आज तक सीमित नहीं रहता—यह भूमि,समाज और वंश, तीनों को दीर्घकाल तक कल्याणकारी फल देता है। इस पावन आयोजन के समापन के उपरांत दिनांक 17 नवंबर को यज्ञशाला स्थल पर विशाल भंडारे का आयोजन होगा,जिसमें सभी भक्त, नागरिक एवं परिवार सादर आमंत्रित हैं।इष्टिकापुरी की अस्मिता,श्रद्धा और भक्ति का यह विराट उत्सव आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्मरणीय रहेगा। पूरे अनुष्ठान को संपन्न बनाने में नीरज तिवारी,जनमेजय सिंह भदौरिया,पंकज तिवारी बबलू महेंद्रा,डा.जेके तिवारी, डा.राजीव त्रिपाठी,अजय दीक्षित,अल्लू ठाकुर,अमित दीक्षित,मुन्ना मिश्रा,पूनम पाण्डेय,नमिता तिवारी,निशा गुप्ता, चित्रा परिहार,प्रीती दुबे, कुलदीप अवस्थी,धर्मेंद्र मिश्रा, विपिन तिवारी,बंटी वाजपेई, मनोज पाण्डेय,कुक्कू राजौरिया,अनिकेत श्रीवास्तव मयंक बिधौलिया व रोहित चौधरी का विशेष सहयोग रहा।
महायज्ञ की पूर्णाहुति में उमड़ पड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

