ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 79वां स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह विश्वविद्यालय प्रांगण में कुलपति डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कुलपति डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला ने ध्वजारोहण कर सभी को 79वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। झंडा वंदन के उपरांत कुलपति ने विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सबसे पहले मैं उन सभी महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिनके त्याग और बलिदान के कारण हमें यह अमूल्य स्वतंत्रता मिली है। यह दिन केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और संकल्प का दिन भी है हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी, निष्ठा और देशभक्ति के साथ करेंगे। हम जिस भूमि पर खड़े हैं, उसे उन्नत और समृद्ध बनाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हम सभी मिलकर संकल्प लें कि आने वाले वर्ष में हम शिक्षा, शोध और समाज सेवा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम करेंगे, ताकि हमारा विश्वविद्यालय न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सके।
शिक्षा और शोध की दिशा में हमारा योगदान
कुलपति ने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय सदैव शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने का प्रयास करता रहा है और कर रहा है। कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, उद्यानिकी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में हमारे वैज्ञानिक और विद्यार्थी निरंतर अनुसंधान कर रहे हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ी और कृषि उत्पादन में स्थायित्व आया है।
नई शिक्षा नीति की ओर कदम
हमने नई शिक्षा नीति के अनुरूप अपने पाठयक्रम, शोध पद्धतियों और कौशल विकास कार्यक्रमों को अद्यतन किया है। इस नीति का मूल उद्देश्य है कि ज्ञान को केवल पुस्तक तक सीमित न रखकर जीवन में लागू करना, और छात्रों को रोजगार प्रदाता, न कि केवल रोजगार खोजने वाला बनाना है।
आदिवासी संस्कृति का सम्मान और अध्ययन
हमारी धरती की असली शक्ति उसकी विविधता है। इसी भावना से हम आदिवासी संस्कृति, उनकी पारंपरिक कृषि तकनीकों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उनके अद्भुत ज्ञान को दस्तावेजीकृत और संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। इसके लिये कृषि विज्ञान केन्द्र में आदिवासी जनजातीय अध्ययन एवं विकास केन्द्र बनाया गया है। जो केवल शोध का विषय नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोने का प्रयास है।
ज्ञान का भंडार है हमारी लाइब्रेरी
मुझे गर्व है कि हमारी विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में आज 11,000 से अधिक पुस्तकों का विशाल संग्रह है, साथ ही 600 से अधिक ऑनलाइन पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। ये संसाधन न केवल छात्रों के लिए, बल्कि शोधार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए ज्ञान के अमूल्य स्त्रोत हैं। इन सभी पुस्तकों को पुरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है अब विद्यार्थी आॅनलाईन कही पर भी अध्ययन कर सकेगा। इसके साथ ही डी.जी. लाॅकर में 4000 से अधिक विद्यार्थियों के दस्तावेज संरक्षित कर दिये गये है और क्रेडिट बैंक में 1500 विद्यार्थियों का खाता खुल चुका है।
इस मौके पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया एवं एक पेड़ माॅ के नाम रोपित किया गया। इस मौके पर प्रमंडल सदस्य श्री मधुसुदन शर्मा, अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. मृदुला बिल्लौरे, निदेशक विस्तार सेवायें एवं निदेशक शिक्षण डॉ. वाय.पी. सिंह, निदेशक अनुसंधान सेवायें डॉ. संजय शर्मा, कुलसचिव डॉ. अजय कौशल, लेखा नियत्रंक श्री आर.एस. चतुर्वेदी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, ग्वालियर डॉ. एस.एस. तोमर सहित अधिकारी-कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद रहे।