आज 16 मई को मनाया जाएगा राष्ट्रीय डेंगू दिवस , होंगी जागरूकता की गतिविधियां

ग्वालियर – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि 16 मई 2025 को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है जिसमें इस वर्ष की थीम check, clean, cover, steps to defeat dengue ( देखें,साफ करें, ढकें, डेंगू को हराने के उपाय करें ) है। मानसून में डेंगू बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए मानसून के प्रारंभ होने से पहले ही डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए, राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य डेंगू से बचाव हेतु जन समुदाय को जागरुक कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है ।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर विनोद दोनेरिया ने डेंगू के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडिस मच्छर के काटने से फैलता है यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटता है विशेष रूप से सुबह और शाम के समय डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 6 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं , सामान्य लक्षण में तेज बुखार , सिर दर्द ,आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, थकावट और कमजोरी , त्वचा पर रैशेज , मितली और उल्टी ,नाक या मसूड़े में रक्तस्राव है वही गंभीर डेंगू के लक्षणों में प्लेटलेट्स की संख्या में तेज गिरावट, ब्लड प्रेशर का गिरना अत्यधिक रक्त स्राव, भ्रम या बेचैनी ,अत्यंत गंभीर मामलों में शरीर के अंगों का काम बंद करना है। डेंगू से बचाव के उपाय के बारे में बात की जाए तो डेंगू का कोई निश्चित इलाज नहीं है लेकिन उचित देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डेंगू की रोकथाम के लिए घर और आसपास के क्षेत्र में साफ सफाई रखें ,पानी जमा न होने दे ,मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने ,बर्तन और टायर जैसे कंटेनर में पानी भरकर ना रखें यदि भरकर रखना ही पड़े तो उसे ढंक कर रखें ।राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जिले में जन जागरूकता हेतु घर-घर जाकर जागरूकता अभियान सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना, रैली,माइकिंग, कार्यशाला,सोशल मीडिया में मैसेज, शार्ट फिल्म का प्रसारण कर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। राष्ट्रीय डेंगू दिवस केवल एक जागरूकता दिवस नहीं है बल्कि एक सामूहिक प्रयास की प्रकार है। जल्दी कार्रवाई करें, डेंगू रोकें का संदेश देकर यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि डेंगू को समय पर पहचान कर और रोकथाम के उपाय अपनाकर हम न केवल खुद को बल्कि पूरे समुदाय को इस जानलेवा बीमारी से बचा सकते हैं।

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