भिण्ड 17 दिसम्बर 2025/ कृत्रिम गर्भाधान आज पशुपालन में आम हो चुका है, लेकिन सैक्स-सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान निश्चित तौर पर म.प्र. शासन का एक ऐसा अभिनव प्रयोग है जिसने पशु नस्ल सुधार को नई दिशा दी है। इस तकनीक से न केवल उच्च गुणवत्ता वाली मादा बछिया/पडिया प्राप्त होती है, बल्कि पशुपालक के लिए ये हर बछिया एक फिक्स डिपोजिट बन जाती है। जो 3 वर्ष के अन्दर एक उत्तम नस्ल की भैंस या गाय बनकर पशुपालक की आमदनी में कई गुना बृद्धि कर देती है।
भिण्ड जिले के पशु औषधालय हीरालाल का पुरा इस सफलता का केन्द्र बना हुआ है, जहाँ के संस्था प्रभारी मुकेश अहिरवार ने 2 वर्ष की कड़ी मेहनत से ग्रामीणों को इस तकनीक का महत्व समझाया कि सैक्स सॉर्टेड सीमन से केबल पडिया/बछिया ही पैदा होगी और फिर पशुपालकों ने अपने पशुओं में सैक्स सॉर्टेड सीमन का उपयोग करना प्रारंभ किया। मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना ने पशुपालकों को सस्ती दरों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई, जिससे छोटे किसान भी लाभान्वित हो सके। आज फिर चाहे संतोष सिंह भदौरिया हो या रामप्रकाश तोमर, शोभाराम हो या फिर मंगल सिंह सभी पशुपालक अपने पशुओं में सैक्स सॉर्टेड सीमन से उत्पन्न मादा पडिया को प्राप्त कर अब केबल सैक्स सॉर्टेड सीमन का ही प्रयोग करते हैं। संतोष सिंह भदौरिया की आज से 3 वर्ष पूर्व उनकी गाय में सैक्स सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान किया जिससे उत्पन्न बछिया अब गाय बन गई है। क्योंकि दिनांक 25 अक्टूबर 2025 को उसी बछिया में सैक्ससॉर्टेड सीमन से ही कृत्रिम गर्भाधान किया गया है।
योजना से जुडने के बाद लाभार्थी अपने पशुओं में सैक्स सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान कराने के उपरांत उत्पन्न होने वाली पडिया/बछिया को अब पशुपालक एफ.डी. के रूप में देखने लगे हैं। पूरे परिवार की आयवृद्धि होने से स्वरोजगार पर पूर्ण रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
हीरालाल का पुरा अब सफलता का प्रतीक है। पशुपालक कहते हैं, “सैक्स-सॉर्टेड सीमन का यह अभिनव प्रयोग न केवल पशुपालन क्रांति लाया, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। आने वाले समय में मध्यप्रदेश ऐसे और गांवों का उदाहरण बनेगा, जहां हर बछिया एक एफडी साबित होगी।
सफलता की कहानी सैक्ससॉर्टेड सीमन पशुपालक की एक अभिनव फिक्स डिपॉजिट शासन के इस अभिनव प्रयोग से पशु नस्ल में संभव हुआ सुधार

