दो धाराओं का महामिलन

श्रमण संस्कृति के महामहिम आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज की परम वंदनिय आर्यिका माता पुर्णमंती माता जी संसघ का आचार्य श्री अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज संसघ से सूर्य नगर जैन मंदिर, गाज़ियाबाद में इतिहास का एक अद्वितीय स्वर्णाक्षरी अध्याय अंकित हुआ।
धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि साधना महोदधि, अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महामुनिराज ससंघ एवं परम विदुषी आर्यिका श्री पूर्णमती माताजी संसघ का अद्वितीय, दिव्य और महा-मंगलमय मिलन हुआ। यह भव्य मिलन देखकर समाज जन हर्षित हुए। दद्दू ने बताया कि
यह भव्य अलौकिक संगम केवल एक भेंट नहीं,
जैन समाज के लिए अद्वितीय सद्भाव, एकता और आध्यात्मिक उत्कर्ष का प्रखर प्रतीक बनकर उदित हुआ है।
ऐसा दुर्लभ मिलन सदियों तक प्रेरणा की अमिट ज्योति बनकर प्रकाश फैलाता रहेगा! एवं नमोस्तु शासन जयवंत रहेगा।

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