
जैन दर्शन में अहिंसा धर्म का पालन करना ही चातुर्मास है -मुनिश्री विलोकसागर
मुरैना (मनोज जैन नायक) जैन साधु साध्वियां पंच महाव्रत अहिंसा, सत्य, अचोर्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य का मन वचन काय से निर्दोष रूप से पालन करते हैं। अहिंसा महाव्रत का पूर्ण रूपेण पालन हो, इसीलिए जैन साधु, मुनिराज चातुर्मास करते हैं। बरसात के मौसम में असंख्यात सूक्ष्म जीव उत्पन्न होते हैं, जो दिखाई भी नहीं देते ।…