परिवार, समाज, राष्ट्र की सुरक्षा चाहते हो तो युवाओं को धर्म के संस्कार दीजिए- भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज

विमर्श संयमोत्सव- 14 दिसम्बर को गुरु चरण सानिध्य में होगा संघ का 100 वाँ जिनाभिषेक

“लाली तेरे लाल की, जित-जित देवू लाल । लाली देखन ओ गया वह भी हो गया लाल । ” जी हाँ, सहारनपुर के जैनबाग प्रांगण में देखने को मिला एक अनूठा दृश्य । राजधानी दिल्ली से पधारे “जिनागम पंथी श्रावक संघ के बाल-युवा साथी जब एक जैसे लाल रंग के परिधान में नजर आये तब सम्पूर्ण, वातावरण ही लाल रंग में रंग गया परमपूज्य जिनागम पंथ प्रवर्तक भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज की दिव्य प्रेरणा एवं मंगल आशीर्वाद से संस्थापित “जिनागम पंथी श्रावक संघ, दिल्ली प्रदेश” ने आज 06 अक्टूबर, सोमवार की प्रातः बेला में सहारनपुर के जैनबाग में “श्री जिन आदिनाय चैत्यालय ” में आचार्यश्री के ही पावन सानिध्य में जिनेन्द्र भगवान का मंगलमय अभिषेक सम्पन्न किया। आकर्षण का केन्द्र था सभी बाल-युवा साथियों एक जैसा लाल वर्ण का परिधान। ज्ञातव्य हो, कि पूज्य आचार्य के आशीर्वाद से विभिन्न नगर शहरों में जिनागम पंथी श्रावक संघ की स्थापना की जा रही है। 3 वर्ष पूर्व दिल्ली में संस्थापित इस संगठन के अभी 90 साप्ताहिक अभिषेक सम्पन्न हो चुके हैं। दिल्ली प्रदेश का यह जिनागम पंथी श्रावक संघ अपने संगठन द्वारा भगवान जिनेन्द्र देव 100 वाँ अभिषेक महती धर्म प्रभावना के साथ सम्पन्न करना चाहता है। संयोग वश संगठन का यह 100 वाँ अभिषेक पूज्य आचार्य गुरुवर विमर्शसागर जी महामुनिराज की दीक्षा तिथि 14 दिसम्बर 2025 को ही बन रहा है इसीलिए संगठन ने यह निर्णय लिया कि हम अपने संघ का यह अभिषेक आचार्य गुरुवर के ही ससंघ सानिध्य में महती धर्मप्रभावना के साथ सम्पन्न करेंगे। इस भावना को लेकर सभी जिनागम पंथी बाल-युवा साथियों ने आचार्यश्री के चरणों में अपना भावभीना निवेदन-प्रार्थना श्रीफल चढ़ाकर ज्ञापित की।
भावलिंगी संत आचार्यश्री दिया मंगलमय आशीर्वाद –
मैं 2022 में दो दिन के लिए दिल्ली कृष्णानगर आया था, तब इस जिनागम पंथी श्रावक संघ की स्थापना हुयी थी। माता-पिता आकर कहते थे- आचार्य श्री हमारे बच्चे भी धर्ममागे से लग गये हैं। वास्तव में आज यदि हम अपने परिवार, समाज, नगर, एवं देश की सुरक्षा करना चाहते हैं तो हमें अपने घर के बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति से बचाते हुए समीचीन धर्ममार्ग में अग्रसर करना होगा। आज कितनी प्रफुल्लता – प्रसन्नता होती है जब हम अपने बाल-युवा बच्चों को भगवान का अभिषेक करते हुए देखते हैं। आचार्य भगवन्तों ने कहा है कि इस पंचम काल में युवा ही धर्म रथ को खींचने में समर्थ हो सकेंगे। आज सभी बच्चे गुरु चरणों में भावना-प्रार्थना लेकर मंगल-मंगल आशीर्वाद अतिशय प्रभावना करते आये हैं, मेरा पूरे “जिनागम पंथी श्रावक संघ को मंगल मंगल आशीर्वाद है – आप सभी जिनधर्म-जिनागम पंथ की चिरकाल तक अतिशय प्रभावना करते रहे।

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