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लेडी सिंघम अनु बेनीवाल, कम्युनिटी पुलिसिंग की बनी बेहतर मिसाल

जितेंद्र परिहार

ग्वालियर । समाज को व्यवस्थित रखने में पुलिस को महत्वपूर्ण अंग के तौर पर देखा जाता है, तो अक्सर कार्यप्रणाली को लेकर उंगलियां भी उठाई जाती रही है, लेकिन ग्वालियर में एक प्रशिक्षु आईपीएस ने कम समय के अंतराल में बेहतर पुलिसिंग की मिसाल कायम करते हुए अपने थाना क्षेत्र में जुआ, खनन और शराब मफियाओं के खिलाफ मुहिम चलाकर ऐसा कर दिखाया कि अंचल ही नहीं बल्कि प्रदेश में कम्युनिटी पुलिसिंग की वह तस्वीर सामने आई है जिसकी वास्तविक तौर पर समाज को जरुरत है ।

जी हां अवैध उत्खनन और परिवहन के लिए कुख्यात अंचल में प्रशिक्षु आईपीएस अनु बेनीवाल को ग्वालियर जिले के ग्रामीण थाना बिजौली की कमान 25 फरवरी 2024 को सौंपी गई थी। यहां आते ही उन्होंने जुआ और शराब के अड्डों तथा अवैध खनन को टारगेट किया और एक के बाद एक कार्रवाई के चलते वह माफियाओं की आंखों की किरकिरी तो आम लोगों की रोल मॉडल बन  गईं। वास्तव में देखा जाए तो किसी भी आईपीएस अधिकारी के ट्रेनिंग पीरियड के यह तीन महीने उसकी कर्तव्य शैली और इच्छाशक्ति को बताते हैं कि भविष्य में वह किस तरह समाज को दिशा देने में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है।

बहरहाल बिजौली थाने में पदस्थ अनु बेनीवाल द्वारा नई सोच और युवा जोश के साथ जिस तरह माफियाओं पर नकेल कसी गई है उससे आम लोगों को बेशक राहत महसूस हुई हो मगर माफियाओं को पुलिस का यह अंदाज रास नहीं आया। लिहाजा अनु बेनीवाल को इस थाने से हटाने के लिए एक के बाद अनेक चालें चलना शुरू हो गई, जबकि उनका प्रशिक्षण पीरियड 25 मई को पूरा होगा। जिसमें  खनन माफियाओं के गुर्गे द्वारा आईपीएस अनु बेनीवाल का लगातार पीछा कर उनकी रेकी की गई। इसी तरह अवैध शराब के मामले में उनके खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर में शिकायत तक दर्ज कराई गई है। यहां सवाल उठना लाजिमी है कि समाज विरोधी गतिविधियों के खिलाफ यदि कोई अधिकारी खड़ा होता है तो उसका सहयोग करने के बजाय तथाकथित समाज के ठेकेदार अपना रसूख दिखाकर हतोत्साहित करने में क्यों जुट जाते हैं। जबकि होना तो यह चाहिए था कि समाज के सभी वर्ग इस बेहतर कार्यप्रणाली के लिए पुलिस की सरहाना कर जिले के सभी थानों में इस तरह की व्यवस्था कायम करने की बात पर जोर दिया जाता।

इसी थाना क्षेत्र की शराबखोरी से परेशान महिलाएं और आम नागरिक शराब और जुए के अड्डों को खत्म करने के लिए इस प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी को बेहतर कार्यप्रणाली के लिए  आशीष दे रहे हैं । यहां बताना जरुरी है कि यह वही ग्वालियर चम्बल का इलाका है जहां खनन माफियाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर अनेक जांबाज अधिकारियों को वाहनों से रोंद दिया गया था।

 माफियाओं पर भारी बेनीवाल के बुलंद हौसले

अवैध खनन कारोबार से जुड़े माफियाओं द्वारा प्रशिक्षु महिला पुलिस अधिकारी अनु बेनीवाल की लोकेशन ट्रेस करने के लिए एक महीने तक अपने गुर्गे को लगाया गया, जिसमें आरोपी, ट्रेनी आईपीएस के आने-जाने की जानकारी खनन माफियाओं के वॉट्सएप ग्रुप में शेयर कर रहा था, इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है ।

अथक प्रयासों से परिवारों में लोटाई खुशी

अनु बेनीवाल ने बिजौली थाने की कमान संभालते ही यहां एक के बाद एक लगातार जुए के अड्डों पर दबिश दी। जुआ खिलाने वालों पर एफआइआर की, इन्हें अवैध हथियारों के साथ पकड़कर जेल भेजा। इससे गांव में जुए की फड़ लगना बंद हो गई अवैध शराब मिलना बंद हो गया। फलस्वरूप गांव के जिन किसान, मजदूरों को जुए और शराब की लत थी, वह अब घर गृहस्थी पर ध्यान दे रहे हैं। इस थाने की हद में करीब 60 गांव आते हैं। जहां एक भी देशी शराब की दुकान नहीं है लेकिन अवैध शराब लोगों के घर बर्बाद कर रही थी, जिसे अनु बेनीवाल ने जड़ से खत्म कर दिया तो शराबखोरी से परेशान महिलाएं इकठ्ठी होकर थाने पहुंची और आइपीएस अनु बेनीवाल को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा इस कार्रवाई ने उनका घर- परिवार बचा लिया।

  जज्बे को सलाम

प्रशिक्षु पीरियड के तीन महीने के कार्यकाल में से दो महिने में आईपीएस अनु बेनीवाल ने  50 से ज्यादा कार्रवाई की है, जिसमें खनन सट्टा, जुआ और शराब माफिया शामिल हैं, अनु बेनीवाल के सख्त तेवरों से अपराधियों में खौफ का माहौल है। अनु बेनीवाल 2022 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, बता दें कि किसी भी अधिकारी का यह वह कार्यकाल होता है जिसमें वह जमीनी हकीकत की बारीकियों को समझता है।

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