इटावा-उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने टीईटी की अनिवार्यता के नियम के विरोध और उस पर पुनर्विचार से संबंधित ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।महिला शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह ने बताया कि प्रदेश के लाखों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए महिला शिक्षक संघ संकल्पित है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टेट अनिवार्यता के संबंध में दिए गए आदेश के क्रम में उक्त आदेश पर पुनर्विचार करने के संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया । महिला शिक्षक संघ की महामंत्री अर्चना चौधरी ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न निर्धारित योग्यताओं को पूरा करते हुए हुई है। इसलिए इस प्रकार की परीक्षा का आदेश पिछली नियुक्तियों के लिए नहीं होना चाहिए।ज्ञापन देते समय महिला शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह, महामंत्री अर्चना चौधरी , वरिष्ठ उपाध्यक्ष रेनू सिंह, कोषाध्यक्ष अनामिका पांडे, उपाध्यक्ष प्रतिभा तिवारी,मीनाक्षी पांडे,अर्चना पांडे, श्रीमती अर्चना, मीडिया प्रभारी अर्चना बाजपेई ,श्वेता चंदेल,शैलजा चौधरी, निशा मिश्रा, ज्योति सिंह ,सीमा चौहान, दीपिका सिंह, कुसुम यादव ,सुमन लता, कुसुम लता, अर्चना यादव, वंदना ,सोनी राजावत समेत दो सैकड़ा शिक्षिकाऐं उपस्थित थी । सभी की राज्य सरकार और केंद्र सरकार से सिर्फ यही मांग है कि वह नियम कानून में संशोधन कर यह घोषित करें कि जिन नियमों और सेवा शर्तों के तहत शिक्षकों की नियुक्ति हुई है उनकी नौकरी उन्हीं की तहत जारी रहे।
उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
