ग्वालियर, 11 सितम्बर। पर्युषण पर्व के समापन अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गोपाचल पर्वत पर वर्षों से चले आ रहे वार्षिक मेले का भव्य आयोजन किया गया। पूरे शहर में धार्मिक उल्लास और भक्ति का अद्भुत वातावरण देखने को मिला।
जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन भारती ने बताया कि दानाओली स्थित श्री दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ स्वामी की भव्य विमान शोभायात्रा गाजे-बाजों और भक्तिमय धुनों के साथ निकाली गई। शोभायात्रा फालका बाजार और शिंदे की छावनी होते हुए गोपाचल पर्वत पहुँची, जहाँ श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ भगवान का स्वागत किया।
शोभायात्रा में चांदी की पालकी में विराजित भगवान की प्रतिमा को लेकर चल रहे युवाओं के आगे महिलायें गाजे बाजों पर नृत्य करती हुई चल रही थीं!
गोपाचल न्यास के अध्यक्ष श्यामलाल विजयवर्गीय और मंत्री अजित वरैया ने आरती उतारकर शोभायात्रा की अगवानी की। इसके बाद पर्वत पर मंगल वंदना एवं भक्तिमय भजनों पर श्रद्धालुओं के द्वारा नृत्य करते हुए भगवान की भक्ति की, इद्रों ने पीले वस्त्र धारण कर पार्श्वनाथ का कलशाभिषेक किया।
यह चल रहे थे भगवान की पालकी को लेकर
भगवान की पालकी को लेकर जैसवाल जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुमितचंद जैन मंत्री शैलेंद्र जैन कोषाध्यक्ष वीरेंद्र जैन अतुल जैन पारस जैन बालचंद जैन सौरभ जैन, अतुल जैन, डब्बू जैन, राजेश जैन, हरीश चंद्र जैन, हरेश जैन, राजेश जैन लाला, प्रशांत जैन, विकास जैन, दिनेश जैन, रज्जन जैन सहित अन्य लोग शामिल थे
बंदगी उन्हीं की करो जो जीवन को संवार दें : आचार्य श्री
इस अवसर पर आचार्य श्री सुबलसागर महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि “तुम बंदगी उसी की करो जो दुःखों से तार दे और जीवन को संवार दे लेकिन तुम जीवन के ऐश्वर्य के लिए ज्यादा से ज्यादा पैकेज पाने में लगे हो। यह भूल रहे हो कि जहां ऐज पैक हो जाती है, वही पैकेज है। जीवन का बहुमूल्य समय धनोपार्जन में ही व्यतीत हो गया। कालस्य निर्गमम-आयुवृद्धि क्षयोत्कर्ष। अर्थात बीते हुए समय एवं आयुवृद्धि क्षय को वापस नहीं पाया जा सकता है। इसलिए सहज रूप में धर्म में रूचि लगाएं, तभी भव बंधन की बेड़ियां टूटेंगी।”
गोपाचल का वार्षिक मेला, गाजे-बाजों के साथ चांदी की पालकी में विराजित भगवान पार्श्वनाथ की निकली शोभायात्रा
