बेटा ही मोक्ष का द्वार दिखाता है यह रूढ़िवादी परंपरा तोड़नी होगी :डॉ ज्योति वर्मा

इटावा-जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए महिलाओं का शिक्षित व जागरूक होना जरूरी है। जब सास अपनी बहू से यह कहती है कि उसे पोता चाहिए, जबकि वह खुद एक औरत होकर लड़की का विरोध करती है। जबकि मां के लिए बेटी भी प्यारी होती।
यह बात श्री सत्यनारायण समाज सेवा संस्थान की सचिव डॉ ज्योति वर्मा ने विश्व जनसंख्या दिवस के पूर्व दिवस पर ग्राम कल्यानपुर में जनसंख्या पर आयोजित महिला चौपाल में कही।
उन्होंने कहा कि यह बात समानता की है। इसलिए मन की मानसिकता बदलने की जरूरत है। बेटा- बेटी हैं एक समान। जनसंख्या तभी नियंत्रित हो पाएगी, जब हमारा समाज जागरूक होगा और हम बेटा और बेटी को समान दृष्टि से देखेंगे। हमें पुरानी रूढ़िवादी परंपरा तोड़नी होगी, कि बेटा ही मोक्ष का द्वार दिखाता है।
शिक्षिका सपना चौधरी ने कहा कि महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। तभी उनमें जागरूकता आएगी कि कितने बच्चे हों, उन्हें कैसे पढ़ाएं। ज्ञान नहीं होगा तो वह कुछ बोल नहीं पाएंगी। इस गांव की महिलाएं पढ़ी लिखीं हैं, कोई इंटर तो कोई बीए है, उन्हें फैमिली प्लानिंग के बारे में खुद ही जागरूक होना होगा।
मंजू सिंह ने कहा कि जागरूकता शिक्षा से आती है। जनसंख्या के बारे कौन सोचेगा, इसलिए महिलाओं को जागरूक होना चाहिए। परिवार छोटा होगा, तभी वह ध्यान दे पाएंगी। यदि चार- छह बच्चे हुए तो वह खुद को नहीं संभाल पाएंगी। बच्चों की संभालने की बात तो छोड़ ही दें। ऐसे में फैमिली प्लानिंग रखें।
अर्पणा शर्मा ने कहा कि जनसंख्या बढ़ने पर खाने, पीने से लेकर रहने तक की समस्या आएगी, जंगलों में पेड़ काटकर रहेंगे तो ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी, आपदाएं भी बढ़ेंगी। इसलिए महिलाओं को समझदारी दिखानी चाहिए। चौपाल में रानी देवी,प्रेम लता, नीतू, सीमा देवी, राम प्यारी,भूरी देवी,सुमन कुमारी, कंठश्री,सोनवती, नीरज आदि महिलाएं शामिल रहीं।

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