दतिया—— जैसे ही स्वच्छता की चर्चा होती है, नगर पालिका तुरंत पॉलिथीन मुक्त अभियान की ढाल लेकर सामने आ जाती है — मानो सारी गंदगी की जड़ वही हो! जबकि हकीकत यह है कि शहर के गली-मोहल्लों में कचरे के ढेर आज भी जस के तस पड़े हैं। न नियमित सफाई, न कचरा वाहन की समय पर आवाजाही — और न ही किसी अधिकारी की जवाबदेही। नगर पालिका की यह खानापूर्ति अब जनता के सब्र का इम्तहान लेने लगी है। सवाल उठता है, क्या पॉलिथीन पर बैन लगाकर ही शहर को स्वच्छ कहा जा सकता है?
स्वच्छता की बात पर केवल पॉलिथीन से पल्ला झाड़ती नगर पालिका
