इटावा। पति की दीघार्यु के लिए सुहागिन महिलाओं ने सोमवार को वट वृक्ष के जड़ में विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की। सुहाग की सामग्री और मीठे पकवान पेड़ की जड़ में अर्पित करने के बाद दीप जलाया और पेड़ के तने की परिक्रमा कर कच्चा सूत लपेटा। महिलाओं ने पेड़ के नीचे सत्यवान और सावित्री की कथा सुनी।
ऐसी मान्यता है कि पतिव्रता सावित्री ने पति सत्यवान के प्राण लेकर जा रहे यमराज का पीछा किया। बार- बार यमराज के सावित्री को समझाने के बाद भी नहीं मानने पर, सावित्री से वरदान मंगने को कहा। सावित्री ने ऐसा वरदान मांगा की यमराज ने तथास्तु कहकर वरदान दे दिया।
इधर वरदान मिलने पर सावित्री के दृष्टिहीन सास- ससुर की न सिर्फ आंखों में रोशनी आ गई, बल्कि उनका गया राजपाट लौट आया और तीसरा वरदान पुत्र वती होने का मिलने के बाद यमराज को सत्यवान के प्राण लौटाने पड़े। उस दिन ज्येष्ठ महीने की अमावस्या थी, और सावित्री वट वृक्ष के नीचे छांव में अपने पति का सिर गोद में लिए बैठी थी।
इसी के बाद से सुहागिन महिलाएं सदियों से ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखकर वट वृक्ष की जड़ की पूजा अर्चना करती आ रही हैं। शहर में कंपनी गार्डन, पक्का तालाब, विनोद की बगिया पुरबिया टोला, सिविल लाइन के अलावा जिस जगह वट वृक्ष खड़ा था, वहां जाकर महिलाओं ने श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की
पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने की वट वृक्ष की पूजा अर्चना
