भक्ति वह ताकत है जो भगवान को भी अपनी ओर खींच लेती है- भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज
उत्तर प्रदेश सहारनपुर “जिनागम पंथ जयवंत हो” और आचार्य गुरुवर विमर्शसागर जी महामुनिराज के गगनभेदी जयकारों से सम्पूर्ण वातावरण गुंजायमान हो गया जब धर्मनगरी शामली से पधारे दो शतक (200) जिनागमपंथी गुरु भक्तों ने सहारनपुर के जैन बाग प्रांगण में पदार्पण किया। प्रत्येक सिर पर थी जिनागम पंथ की टोपी और हर हाथ में था…

