कांग्रेसियों ने मनाई प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडे की जयंती

इटावा; आज़ादी के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. मंगल पांडे की जयंती पर आज कांग्रेसियों ने नुमाइश पंडाल में स्थित शहीद स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके प्रति अपनी-अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल इनफैंट्री में तैनात पं. मंगल पाण्डेय ने अंग्रेज़ी सम्राज्य द्वारा भारतीय समाज की भावनाओं के साथ किये जा रहे अपमान का खुले तौर पर विरोध किया। उनके द्वारा लगाए गए विद्रोह की इसी चिंगारी का परिणाम था कि 10 मई 1857 को मेरठ छावनी में सैनिकों द्वारा अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध बग़ावत का बिगुल फूंका गया। देखते ही देखते यह आक्रोश पूरे उत्तर भारत में फैल गया, जिससे अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया भारत पर राज्य करना उतना आसान नहीं है, जितना वे समझ रहे थे। उक्त उद् गार आज मंगल पांडे जयंती के उपलक्ष में कांग्रेस जिला अध्यक्ष आशुतोष दीक्षित ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सिपाही विद्रोह के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडे ने जब 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला करके क्रांति की शुरुआत की थी।
तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा यह महान योद्धा इतिहास के पन्नों में अमर हो जाएगा। देश के हर नागरिक का उत्तरदायित्व बनता है कि वह आज प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करे। कांग्रेसियों ने शहीद स्मारक पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए शहीद मंगल पांडे की जयंती मनाई। जयंती मनाने वालों में पूर्व शहर अध्यक्ष पल्लव दुबे, प्रशान्त तिवारी, वाचस्पति द्विवेदी, प्रेरणा ज़ुबैरी, शौजैब रिज़वी, सरला जाटव, प्रदीप दुबे,अतुल भदौरिया, धर्मेन्द्र सिंह पूनिया, गौरव दुबे, अमन तिवारी आदि कांग्रेस जन उपस्थित रहे

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