हिंद महासागर क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में चीन का दबदबा बढ़ा है, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी हैं. यही वजह है कि भारत ने भी चीन से निपटने पर जोर दिया है. लेकिन इस दौरान भारत की नजर उसके ‘कट्टर दुश्मन’ पाकिस्तान से हट गई है. इसका फायदा उठाकर पाकिस्तान इन दिनों अपनी नौसेना को मजबूत कर रहा है. इसमें उसका साथ दे रहा है, उसका सहाबहार दोस्त चीन. हालांकि, पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. ये बात दुनिया में जगजाहिर है कि भारत के दोनों ‘दुश्मन’ एक-दूसरे के बेहद करीब हैं.
द डिप्लोमेट की खबर के मुताबिक, इन दिनों चीन पाकिस्तान की नौसेना को मॉडर्न और आधुनिक बनाने में जुटा हुआ है. हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान आर्थिक बदहाली, बेरोजगारी और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहा है. मगर वह अपने नौसेना के बेड़े को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इसके लिए उसे लगातार चीन की तरफ से मदद मिल रही है. ये तो सभी जानते हैं कि चीन पाकिस्तान की हर सेक्टर में मदद करता है. डिफेंस सेक्टर में तो दोनों की दोस्ती कुछ ज्यादा ही मजबूत है.
क्यों पाकिस्तान की मदद कर रहा चीन?
दरअसल, चीन जानता है कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत और उसके सहयोगी देश (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि) उसकी एक नहीं चलने देंगे. इस वजह से बीजिंग इस्लामाबाद की नौसेना को मॉडर्न बनाने के लिए पैसा लगा रहा है. चीन इस भ्रम में जी रहा है कि अगर पाकिस्तान की नौसेना मजबूत होगी, तो उसके इसका फायदा एक सहयोगी के तौर पर हिंद महासागर में मिलेगा. चीन ने जिबूती में अपना पहला विदेशी मिलिट्री पोस्ट बनाया है, जो IOR में बढ़ती उसकी ताकत को दिखाता है.
चीन-पाकिस्तान का पनडुब्बी समझौता
पाकिस्तान लगातार चीन से अडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाले जहाजों की खरीददारी कर रहा है. चीन-पाकिस्तान के बीच 2016 में 5 अरब डॉलर का एक सौदा हुआ. इसके तहत इस्लामाबाद को 2018 तक ‘युआन क्लास टाइप 039/041’ डीजल पनडुब्बियां मिलनी हैं. इन आठ पनडुब्बियों में से चार इस साल के आखिर तक पाकिस्तान को मिलने वाली हैं. सौदे के तहत चार पनडुब्बियों को चीन में बनाया गया है, जबकि बाकी की बची हुई चार पनडुब्बियों को पाकिस्तान में तैयार किया जाएगा.
भारत के लिए क्या खतरा है?
चीन से मिलने वाली पनडुब्बियां अडवांस्ड सेंसर और आधुनिक हथियारों से लैस हैं. पाकिस्तानी बेड़े में जुल्फिकार-क्लास फ्रीगेट वाले जहाज हैं, जो YJ-82 जैसी मिसाइलों से लैस हैं. इसके अलावा, पाकिस्तानी नौसेना ने जनवरी 2022 में अपनी सबसे अडवांस्ड तुगरिल फ्रीगेट के जहाजों को बेडे़ में शामिल किया. ये जहाज भी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं.
पाकिस्तान इन जहाजों को हिंद महासागर में तैनात कर रहा है. भारत के दोनों ओर समुद्र है, जो हिंद महासागर का हिस्सा हैं. भारत को पाकिस्तानी पनडुब्बियों से सावधान रहना होगा, क्योंकि इनका इस्तेमाल औचक हमले के लिए किया जा सकता है. ऐसा ही हमला चीन भी कर सकता है. दोनों प्लान कर एक साथ हमला भी कर सकते हैं, ताकि भारत के खिलाफ अपना पलड़ा भारी कर सकें.
यही वजह है कि भारत हिंद महासागर में अपनी पकड़ को मजबूत रखने के लिए दोनों छोरों पर पेट्रोलिंग करना होगा. हिंद महासागर में न सिर्फ पनडुब्बियों को उतारने की जरूरत होगी, बल्कि आधुनिक हथियारों से लैस जहाजों को भी निगरानी के लिए लगाना होगा, ताकि चीन-पाकिस्तान से निपटा जा सके.