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वैभव से वैराग्य की ओर अग्रसर मीना जैन एवं रामकली जैन की दीक्षा लेने से पूर्व हुई गोद भराई की रस्म

मुरैना/अंबाह। घर गृहस्थी का त्याग कर जैन समाज मुरैना की दो बुजुर्ग विदुषी महिलाएँ मीना जैन एवं रामकली जैन ने वैभव से वैराग्य,मोह से मोक्ष, संसार से मुक्ति की यात्रा की तरफ कदम बढ़ाए हैं, वे 05 जून को मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हथिनी गांव में सांसारिक सुख एवं मोह माया का त्याग कर जैन धर्म की साध्वी आर्यिका श्री सौम्य नन्दिनी माता जी के सानिध्य में जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण करेंगी। इससे पहले शनिवार को रामकली जैन के परिजनों व्दारा गोद भराई का कार्यक्रम रखा गया इसमें परिजनों एवं रिश्तेदारों ने भावुकता पूर्ण बातावरण में मीना जैन एवं रामकली जैन की सामूहिक रूप से गोद भराई की, देर शाम तक यह कार्यक्रम जारी रहा जिसमें समाज के अनेक लोग सम्मलित हुये इस मौके पर मीना जैन एवं रामकली जैन ने बताया कि मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य वैराग्य धारण करके मोक्ष मार्ग का पथिक बनना होता है प्रत्येक मनुष्य को दुर्लभ बहुमूल्य मानव जन्म प्राप्त करके अपनी शक्ति क्षमता के अनुसार संयम धारण करने का प्रयास करना चाहिए साथ ही जो भव्य जीव संयम धारण करने जा रहे हैं उनकी सम्मान पूर्वक अनुमोदना करनी चाहिए ताकि भविष्य में प्रत्येक जीव उसी मार्ग पर चल सके नत्थी लाल जैन,नीलेश जैन ने कहा कि जैन दर्शन में साधु एवं साध्वी का पद सर्वोत्कृष्ट होता है ऐसे पदों पर दीक्षा लेने वाले जीव वास्तव में असीम पुण्य के धारक हैं हम सभी को उनके वैराग्य एवं पुण्य की अनुमोदना करनी चाहिए इस मौके पर दीक्षा लेने जा रही विदुषी महिलाओं के परिजनों ने कहा कि हम सभी ने उन्हें नए सफर पर जाने की स्वीकृति दी है जिससे वह अपना कदम मुक्ति पथ की तरफ बढ़ा सकें उक्त आयोजन में बीरेंद्र जैन,श्री मती प्रभा जैन, नत्थी लाल जैन,रूपेश जैन,श्री मती कांता जैन,श्रीमती वर्षा जैन,श्रीमती संगीता जैन,श्री मती शिल्पी जैन सहित अमिशी,विदित,अनवी,ईदी,श्रेयु मौजूद थे।
पंकज जैन की रिपोर्ट