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सच्चें भक्तों की ईश्वर भी मदद करता है-स्वस्तिभूषण
सन्त निवास का शिलान्यास एवं मुनिसुव्रतनाथ विधान सम्पन्न

मुरेना (मनोज नायक) होली का पर्व रंगों का पर्व है । रंगों का मनुष्य के जीवन बहुत महत्व है । पर्व कहते हैं त्यौहार को, पर्व कहते हैं गन्ने की गांठ को, उसी से गन्ना पैदा होता है । त्यौहार हमें हमारे ऐतिहासिक पुरुषों का स्मरण कराके हमें शिक्षा देते हैं । होली के पर्व का वर्णन जैन शास्त्रों में बसन्तोत्सव के रूप में मिलता है । पुराने समय में राजा अपने परिवार और प्रजा के साथ बाग-बगीचों में जाकर रंग-बिरंगे फूल पत्तियों से एक दूसरे को प्रसन्न करते थे । अन्य कथानक के अनुसार होलिका को वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती । प्रह्लाद भगवान का भक्त था, जो कि उसके राजा पिता को पसंद नहीं था । सारा परिवार एक तरफ और ईश्वर भक्त प्रह्लाद एक तरफ । राजा की आज्ञानुसार होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई कि अग्नि उसे तो जलायेगी नहीं, लेकिन प्रह्लाद जलकर भस्म हो जाएगा । लेकिन बुरे विचार बालों का वरदान भी अभिशाप बन जाता है और सच्चे विचार वालों का अभिशाप भी वरदान बन जाता है । अग्नि में होलिका तो जलकर भस्म हो गई और ईश्वर भक्त प्रह्लाद सुरक्षित बच गया । तब से आज तक होलिका जलाकर एवं रंग गुलाल लगाकर होली का त्यौहार मनाया जाता है । भगवान के सच्चे भक्तों को पग पग पर सहारा मिलता है । जो लोग अपना मन साफ रखते हैं, किसी का बुरा नहीं सोचते, छल कपट नहीं करते, ईश्वर ऐसे लोगों की सदैव मदद करते हैं । उक्त विचार जैन साध्वी गणिनी आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी ने श्री महावीर दिगम्बर जैन नसियां जी मन्दिर में श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ विधान के अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये ।
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर कमेटी के उपाध्यक्ष अभिषेक जैन टीटू द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार श्री नसियां ज़ी जैन मंदिर में श्री मुनिसुव्रतनाथ विधान का आयोजन किया गया इस विधान की रचना स्वस्तिधाम प्रणेत्री गुरुमां गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी द्वारा की गई है । आगरा से पधारे विधानाचार्य श्री राकेश जैन (भूरा पंडित जी) ने सभी धार्मिक क्रियाओं को सम्पन्न कराया । भजन गायक एवं संगीतकार श्री मनीष जैन एन्ड पार्टी ने अपनी संगीतमय स्वर लहरी से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया । विधान से पूर्व श्री जिनेन्द्र प्रभु का अभिषेक, शांतिधारा एवं अष्टद्रव्य से पूजन किया गया । विधान के पश्चात नसियां जी प्रांगण में पूज्य गणिनी आर्यिका श्री लक्ष्मीभूषण माताजी श्री स्वस्तिभूषण माताजी, श्री अंतसमती माताजी के पावन सान्निध्य एवं इंडियन वूमेन फैशन प्रा.लि. सूरत के डायरेक्टर, उद्योगपति श्री सुनील जी जैन के मुख्यातिथित्य में सन्त निवास की आधार शिला रखी गई । विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री महेशचंद जैन आदिनाथ साड़ी सूरत एवं श्री सुनील जैन (जैन बन्धु) आगरा विशेष रूप से सम्मिलित हुए । विधानाचार्य श्री राकेश जैन भूरा पंडित जी आगरा द्वारा मंत्रोच्चारण एवं ध्वजारोहण के साथ भूमि पूजन कराया । मुरेना के श्रावक श्रेष्ठि, उद्योग पति श्री महेशचंद जैन बंगाली (अझेड़ा वाले) एवं श्री पवन जी जैन (ऋषभ इंटर प्राइजेज) ने अपने परिवार के साथ भूमि पूजन कर सन्त निवास की आधार शिला रखी ।