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रागायन की संगीत सभा संपन्न

शिवरात्रि के पावन पर्व पर रागायन की मासिक संगीत सभा का आयोजन गंगादास की बड़ी शाला में दिनांक 19 दिसंबर 2023 को आयोजित की गयी. सभा की अध्यक्षता गंगादास की बड़ी शाला के महंत रामसेवक जी ने की. सभा का प्रारंभ डाक्टर अरूण धर्माधिकारी के गायन से हुआ आपने अपने गायन की शुरुआत राग गुर्जरी तोड़ी से की . बड़ा ख्याल विलंबित “एरी माई ” एकताल में व उसके पश्चात छोटा ख्याल तीनताल “चलो सखी सौतन के घर जईं हैं” प्रस्तुत किया . अपने गायन के अंत में राग खमाज में निबद्ध एक भजन भी प्रस्तुत किया. आपके साथ तबला संगति डॉक्टर प्रणव पराड़कर और हारमोनियम संगति श्री नवनीत कौशल ने की. सभा के दुसरे कलाकार श्रीकांत कुलकर्णी थे . कुलकर्णी जी ने अपना सुश्राव्य बांसुरी वादन राग बिंद्रावनी सारंग से शुरू किया. आलापचारी के पश्चात आपने दो गते विलंबित और द्रुत लय में प्रस्तुत कर वातावरण स्वरमय कर दिया . तबला संगतकार के रूप में डाक्टर विनय बिंदे मंच साझा कर रहे थे . श्रीकांत कुलकर्णी जी में अपने बांसुरी का समापन एक धुन से किया . सभा की अंतिम कलाकार ग्वालियर घराने की प्रसिद्ध गायिका श्रीमती साधना गोरे ने समयानुकुल राग देसी से अपने गायन का आरंभ किया इसमें आपने बड़ा ख्याल जोकि एक ताल में निबद्ध था”नैया मोरी भई” व छोटा ख्याल तीनताल में ” साची कहत है” को ग्वालियर की सभी विशेषताओं के साथ प्रस्तुत किया . आज के समय में संगीत मंचों पर यह राग कम ही सुनने को मिलता है . वसंत ऋतु के वातावरण को ध्यान में रखते हुए राग बसंत में “पनघट वा ठाडो मांई री” पारंपरिक रचना जो कि त्रिताल में निबद्ध थी,को अपनी अगली के रूप में प्रस्तुत किया . इस संगीत सभा के समापन राग भेरवी”भज मन राम शरण सुखदाई” के गायन से साधना गोरे ने वातावरण भक्तिमय बना दिया .