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गुरुसेवा में समर्पित योगेश जैन खतौली

मुरेना (मनोज नायक)
सूर्यनगर दिल्ली निवासी श्री योगेश जैन (खतौली वाले) का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं । आप श्री सिद्धक्षेत्र सोनागिर कमेटी के अध्यक्ष सहित विभिन्न समाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं में पदासीन होकर धर्म एवं समाजोत्थान के कार्यों में निरन्तर प्रयासरत रहते हैं । आप परम पूज्य गुरुदेव सराकोद्धारक समाधिस्थ षष्ट पट्टाचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के अनन्य भक्त तो हैं ही साथ ही सभी दिगम्बराचार्यों के चरणों में नतमस्तक होते हुए उनके आहार, विहार एवं अन्य सभी कार्यों को करने के लिए सदैव ललायित रहते हैं ।
पूज्य गुरुदेव ज्ञानसागर जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से मुरेना शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर ए बी रोड (धौलपुर-आगरा) हाइवे पर एक भव्य एवं विशाल जैन तीर्थ (मंदिर) का नव निर्माण हुआ है, जिसे श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन ज्ञानतीर्थ क्षेत्र का नाम दिया गया है । उक्त जैन मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा हेतु 01 फरवरी से 06 फरवरी तक श्री आदिनाथ मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है । इस विशाल एवं भव्य आयोजन की समिति में आपके लाख मना करने के बाबजूद आपको आयोजन समिति का सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन आपने अपनी उदारता का परिचय देते हुए अध्यक्ष पद हेतु मुरेना जैन समाज के वयोवृद्ध श्री शांतिलाल जैन (विचपुरी वाले) का नाम प्रस्तावित किया जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार किया । इस महोत्सव में बालक आदिकुमार के माता-पिता बनने का सौभाग्य भी श्री योगेश जी श्रीमती संगीत जैन, सूर्य नगर दिल्ली को प्राप्त हुआ है ।
एक विशेष चर्चा के दौरान पूज्य गुरुदेव श्री ज्ञानसागर जी के व्यक्तित्व के संदर्भ में आप कहते है कि पूज्यश्री अपने नाम के अनुरूप ज्ञान का भंडार तो थे ही, साथ ही आप वात्सल्य और स्नेह के सागर भी थे । गुरु के प्रति समर्पण के बारे में उनसे पूछा तो अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुए आपने बताया कि सन 1989 के दरम्यान पूज्य गुरुदेव ज्ञानसागर ज़ी का मंगल आगमन हमारे गृह नगर खतौली (उत्तरप्रदेश) में हुआ था तब मुझे गुरुदेव की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ । गुरुदेव की चर्या, स्नेह एवं वात्सल्य देखकर मैं गुरु चरणों में समर्पित हो गया । तब से आज तक मैं सपरिवार गुरुदेव के दीक्षा दिबस, चातुर्मास स्थापना एवं निष्ठापन सहित सभी प्रमुख आयोजनों में सम्मिलित होता रहा हूं ।
गुरुदेव श्री ज्ञानसागर जी की समाधि के पश्चात उनके द्वारा छोड़े गए अधूरे कार्यों के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जबाब में आपने बताया कि गुरुदेव के आशीर्वाद एवं सान्निध्य में जो भी धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता था, वे सभी कार्यक्रम पुनः आरंभ होंगे । अतिशीघ्र पूज्य गुरुदेव के उत्तराधिकारी सप्तम पट्टाचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज के आशीर्वाद से स्वस्तिधाम प्रणेत्री गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी के निर्देशन में बैंकर्स सम्मेलन, एडवोकेट सम्मेलन, सराक सम्मेलन, प्रतिभा सम्मान समारोह अन्य सभी कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी ।
ज्ञानतीर्थ के संचालन सम्बन्धी बात का जबाब देते हुए आपने बताया कि श्री पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के बाद ज्ञानतीर्थ क्षेत्र की व्यवस्थाओं के संचालन हेतु नियमानुसार एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो अपने हिसाव से क्षेत्र की व्यवस्थाओं को संचालित करेगी । क्षेत्र पर होने जा रहे श्री पंचकल्याणक महोत्सव के बारे में आपने बताया कि आयोजन हेतु एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें भिन्न भिन्न समितियां बनाकर उनके संयोजक मनोनीत कर दिए गए हैं । आयोजन को निर्विघ्न एवं सानन्द सम्पन्न कराने हेतु आचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज एवं गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ज्ञानतीर्थ पर आ चुकी हैं । स्थानीय मुरेना समाज के लोग पूर्ण समर्पण के साथ ज्ञानतीर्थ पर तन-मन-धन के साथ जुड़े हुए हैं ।