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इत्र मित्र चरित्र और चित्र इन चारों का जीवन में गहरा प्रभाव है – प्रतीक सागर

भिण्‍ड/ इत्र मित्र चरित्र और चित्र इन चारों का जीवन में गहरा प्रभाव है। इत्र वस्त्रों में सुगंध पैदा करता है मित्र जीवन में सुगंध पैदा करता है और चरित्र जीवन को परम पूज्य बनाता है। एक चरित्रवान मित्र लाखों मित्रों के बराबर है। पत्नी का चयन माता-पिता करते हैं, संतान का चयन कर्म से होता है मगर मित्र का चयन हम स्वयं करते हैं। पत्नी अगर गलत मिल जाए तो एक जीवन बर्बाद होता है। मित्र अगर गलत मिल जाए तो सात जन्म बर्बाद हो जाते हैं।
मध्य प्रदेश शासन के राजकीय अतिथि क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज ने हाउसिंग कॉलोनी स्थित शहीद चौक पर विराट धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 4 लोगों को कभी मित्र मत बनाइए। चरित्रहीन, मूर्ख, स्वार्थी और चापलूस। मित्र वह नहीं होते जो परिंदों की तरह तालाब सूख जाने पर दूसरी जगह चले जाएं। दोस्त, मोमबत्ती की तरह होते हैं धागा जलता है तो मोम भी पिघलता है। पैर में अगर कांटा चुभता है तो हाथ और आंखें दोनों तुरंत हेल्प के लिए तैयार हो जाते हैं। दोस्ती तो कृष्ण सुदामा ने निभाई। दोस्ती करना बड़ी बात नहीं है दोस्ती निभाना बड़ी बात है।
मुनि श्री ने आगे कहा आदमी के अंदर गलत आदत को जो जन्म दे वह दोस्त नहीं दुश्मन है। बुरे रास्ते से निकालकर सन्मार्ग पर लगाए वही सच्चा दोस्त है। आदमी का सबसे पहला दोस्त आदमी स्वयं है। दुनिया से प्रेम करने से पहले स्वयं से प्रेम करें। मुनि श्री ने धारा प्रभाव वाणी को जारी रखते हुए कहा कि शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं है स्वयं के मन को मंगल बनाने की जरूरत है। मन मंगल हो तो अमावस्या भी पूर्णिमा का चांद बन जाता है मन अमंगल हो तो पूर्णिमा भी अमावस्या की काली रात बन जाती है। महावीर भगवान का मन मंगल था इसीलिए कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन उन्होंने मोक्ष को प्राप्त कर अमावस्या को पूर्णिमा बना दिया। जन्म, मृत्यु और वैराग्य का कोई मुहूर्त नहीं होता। राम ने दिन के 12 बजे जन्म लिया, कृष्ण ने रात को 12 रात बजे। जब काम की भूख सताए तो नारायण श्री कृष्ण को याद करे। दिन के 12 बजे पेट की भूख सताए तो मर्यादा पुरुषोत्तम को याद करें। तीर्थंकर महावीर ने दिन के 12 बजे सन्यास लिया तो महात्मा बुद्ध ने रात के 12 बजे। इसीलिए जब जागो तभी सवेरा। मुहूर्त बुरे कार्य के लिए निकालना चाहिए। जिससे जीवन में कोई बुरा काम ना हो सके। क्रोध करना है तो पुष्य नक्षत्र में अमृत सिद्धि योग का मुहूर्त निकाले तब क्रोध करें।
धर्म सभा के प्रारंभ में गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्वलन किया गया। पश्चात भक्तों द्वारा मुनि श्री के पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मनोज जैन ने बताया कि क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज की 5 दिसंबर को प्रातः 8:30 बजे से 10:30 बजे तक हाउसिंग कॉलोनी स्थित शहीद चौक पर विराट धर्म सभा का आयोजन होगा एवं 6 दिसंबर को विराट धर्म सभा का आयोजन महावीर चौक पर होगा आयोजन समिति ने सभी भक्तों को हजारों की संख्या में पधारने की अपील की।
जैन ने आगे बताया कि 5 दिसंबर को दोपहर 2 बजे पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर नई आबादी गली नंबर 1 में मुनि श्री के पावन सानिध्य में 20 वर्ष से 50 वर्ष तक के समस्त युवा साथियों की एक बैठक रखी गई है। सभी जैन युवा अवश्य पधारें ऐसी अपील आयोजन समिति ने की है।

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