Top Newsमध्य प्रदेश

धर्म का संबंध तर्क से नहीं समर्पण से है – प्रतीक सागर महाराज

भिण्‍ड/ मध्य प्रदेश शासन के राजकीय अतिथि क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज ने शहीद चौक हाउसिंग कॉलोनी में विराट धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को पढ़ाए लिखाई कराकर इतना योग्य बनाएं कि वह विद्वानों की सेवा में अग्रिम पंक्ति में बैठने के लायक हो जाए। तीतर जैसे पुत्र तो हर घर में पैदा होते हैं मगर तीर्थंकर जैसे पुत्र तो मरुदेवी और त्रिशला माता की कोख से ही जन्म लेते हैं और जन्म लेकर आकाशदीप बन कर सारे जगत को प्रकाशित कर जाते हैं। माता पिता को रात में सोने से पहले चरित्रवान महा पुरुषों की कथा अपने बच्चों को सुनाना चाहिए बेटियों को शीलवती साथियों की कथा सुनाना चाहिए। जिससे उनके अंदर चारित्र की प्रतिष्ठा हो शील जागरण और वह स्वयं के सम्मान के साथ माता-पिता के सम्मान को बरकरार रख सके। बच्चों को चाहिए वह माता-पिता के अधिकारों को ना छीने। माता पिता बच्चों के लिए हमेशा अच्छा ही सोचते हैं इसलिए उन्हें उनके विवाह का अधिकार और उनके लिए योग्य वर वधू चुनने का अधिकार देना चाहिए। तीर्थंकर ऋषभदेव की पुत्रियों ने पिता के सम्मान को बरकरार रखने के लिए जीवन भर का ब्रह्मचर्य धारण कर लिया।
राजकीय अतिथि मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज ने आगे कहा कि पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण करके हम प्रकाश से अंधकार की ओर बढ़ते हैं पूर्वी संस्कृति का अनुकरण करके हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते हैं। पंच सितारा संस्कृति ने हमारी संपूर्ण संस्कृति को भ्रष्ट और नष्ट कर दिया है जिस कारण पिता का स्थान डैड ने ले लिया है मां का स्थान मॉम ने ले लिया है पिता शब्द में जो अमृत है डैड शब्द में नहीं। मां जब झूले में झूलाती थी तो सिद्ध, बुद्ध बनने का आशीर्वाद देती थी मगर आज चंदा है तू, सूरज है तू, मेरी आंखों का तारा है तू कहकर झूले में झूलाती है।
मुनि श्री ने आगे कहा कि माता पिता बचपन में ही अपने बच्चे के हाथ में अभिषेक का कलश थमा देते हैं उनके हाथ में कभी शराब के प्याले नहीं आते। पूजन थाली थमा देते हैं तो थाली में कभी मांसाहार नहीं आता। बच्चों को संस्कार जन्म के बाद नहीं गर्भ से ही देना प्रारंभ करना चाहिए इसीलिए गर्भ के सोलह संस्कार किए जाते हैं। जिससे बचचे मेधावी बने। अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में घुसने की कला मां के गर्भ से सीखी थी आज जब संतान आपकी कोख में होती है तो आप टीवी और मोबाइल में ही लगी रहती है जिस कारण बच्चे महापुरुषों से कम प्रभावित होते हैं टीवी और मोबाइल से ज्यादा प्रभावित होते हैं जिस कारण उन्हें दादा-दादी की गोद नहीं टेलीविजन और मोबाइल का साथ चाहिए।
कार्यक्रम के शुभारंभ में पार्षद गणों द्वारा आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज का चित्र अनावरण किया गया तत्पश्चात गुरु भक्तों द्वारा मुनि श्री के पाद प्रक्षालन किए गए।
कार्यक्रम के अंत में सकल समाज ने मुनि श्री को 3 नवंबर को शहीद चौक पर धर्म सभा का आयोजन करने का आशीर्वाद मांगा जिसे मुनिश्री ने स्वीकृति प्रदान की जिसे सुनते पूरा सभा भवन जयकारा गुरुदेव का से गूंज उठा भक्तों की खुशी का ठिकाना ना रहा। मुनि श्री प्रतीक सागर जी की 3 नवंबर को धर्म सभा प्रातः 8:30 बजे से 10:30 बजे तक शहीद चौक हाउसिंग कॉलोनी पर ही आयोजित होगी जिसमें सभी धर्म और जाति के श्रद्धालु हजारों की संख्या में भाग लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Close