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जैन मिलन नेमिनाथ ने गाजे बाजों के साथ निकाली शोभायात्रा
जो जैसा होता है, वैसा देता है:विज्ञमती माताजी

ग्वालियर, 26 सितम्बर! सोमवार को जैसवाल जैन मंदिर दानाओली से जैन मिलन, जैन मिलन महिला एवं युवा जैन मिलन नेमिनाथ के द्वारा चांदी की पालकी में जिनवाणी मां को विराजित कर शोभायात्रा निकाली है, जो दानाओली स्थित जैन जैसवाल मंदिर से प्रारंभ हुई और नई सड़क स्थित चम्पाबाग धर्मशाला पहुंची, जहां सभी ने पूज्य गणिनी आर्यिका विशुद्ध मति माताजी का पाद पच्छालन किया, और अष्टद्रव्य का अर्घ समर्पित कर णमोकार मंत्र का पाठ किया! शोभायात्रा में बालिकाएं अष्टकुमारी बनकर एवं युवाजन लौकांति क देव बनकर चल रहे थे! वहीं महिलाएं मां जिनवाणी पर चंवर ढुराती हुई डांडिया नृत्य कर रहीं थी!
24 घण्टे के पाठ की जिम्मेदारी सम्हाली- जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन ने बताया कि सोमवार को दिगंबर जैन मिलन नेमिनाथ, जैन मिलन महिला नेमिनाथ, युवा जैन मिलन नेमिनाथ शाखा के सदस्यों ने 24 घंटे लगातार पाठ किया। इससे पहले इन सदस्यों ने इंद्र-इंद्राणी, लोकांतिक देव, अष्ट कुमारी के रूप में धर्मध्वजा के साथ चम्पाबाग धर्मशाला पहुंचकर सिद्धांत रत्न, भारत गौरव आर्यिकाश्री विशुद्धमती माताजी के पाद प्रच्छालन कर आरती उतारी। इसके बाद अष्ट द्रव्य के अर्घ्य समर्पित आशीर्वाद लिया। इससे पहले गुरु मां विशुद्धमती माताजी ससंघ की उपस्थिति में विजितमती माताजी ने शांतिधारा कराई।
जो जैसा होता है, वैसा देता है:विज्ञमती माताजी
इस अवसर पर धर्मचर्चा करते हुए विज्ञमती माताजी ने कहा कि हम अपने कर्मों, वचनों, साधना पर विश्वास करें। धरती छोड़ ऊपर चढ़ना कामयाबी नहीं, बल्कि धरती पर रहकर सफलता की सीढ़ी चढ़ना कामयाबी होती है। स्वयं को तराशो, जन्नत मिल जाएगी। हम अपने लिए सुधारक बनें, दूसरों के लिए नहीं। माताजी ने कहा कि ये मत सोचो कि मैं यह नहीं कर सका, वह नहीं कर सका। सपनों पर नहीं, अपनों पर नहीं, बल्कि आपको अपने लिए चलना है। जो जैसा होता है, वह वैसा देने का प्रयास करता है। मेरे पास क्या है, ये मत देखो। जो नहीं है, उसे पाने का प्रयास करना चाहिए। हमें उन कर्मों से डरना चाहिए, जो स्वयं को अपराधी कहते हों। हम कभी चमक पर न जाएं, क्योंकि हर चमकीला दाना आटा देने की पात्रता नहीं रखता। जिस दाने से आटा नहीं निकलता, वह घुन लगा होता है।