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जोड़ने के साथ छोड़ना भी जरूरी है – त्याग, धर्म के लिए आजीवन बीमा होता है:विज्ञमती
पर्युषण पर्व के 8वें दिन उत्तम त्याग धर्म की व्याख्या की

ग्वालियर, 7 सितंबर। जिस व्रत में धर्म की साधना होती है, वही व्रत फलदायी होता है। उत्तम त्याग में संग्रहण नहीं करना चाहिए, क्योंकि संग्रह वृत्ति से निवृत्ति चक्रवर्ती बनाती है। इसलिए जो त्याग, धर्म के लिए किया जाता है, वह तुम्हारे लिए आजीवन बीमा होता है। जोड़ने के साथ छोड़ना भी सीखो! यह विचार पट्ट गणिनी आर्यिकाश्री विज्ञमती माताजी ने बुधवार को चम्पाबाग बगीची में पर्युषण पर्व के 8वें दिन ‘उत्तम त्याग’ धर्म पर प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।
माताजी ने बताया कि जो वृक्ष अपने फल लुटाते हैं, उनमें फिर फल आ जाते हैं, लेकिन जो वृक्ष फल छिपाता है, उसे जड़ से उखाड़ा जाता है। जब तक कर्जदार अपने मालिक, माता-पिता, बच्चे, गुरु, शिष्य आदि का कर्ज नहीं चुकाता, तब तक उसे अगले जन्म में पूरे अंग नहीं मिलते और जिसके सभी अंग पूरे होते हैं, वही आहार, दान व दीक्षा का पात्र होता है। माताजी ने बताया कि घर में जो भी वस्तु मंदिर के निमित्त आती है, उसका उपयोग घर में न करें अन्यथा नुकसान उठाना पड़ेगा।
सच्चे श्रावक बनने के लिए त्याग करना जरुरी:विकर्षमती
इस अवसर पर आर्यिकाश्री विकर्षमती माताजी ने बताया कि सभी को कुछ न कुछ त्याग करना चाहिए। भारतीय संस्कृति में लेने का नहीं, देने का महत्व होता है। जब तक दान, त्याग नहीं करोगे, सच्चे श्रावक नहीं बन सकते। इसलिए दान जरूर करना चाहिए। माताजी ने बताया कि जो देता है, वह देवता और जो रखता है, वह राक्षस कहलाता है। जब बादल बरसते हैं तो स्वच्छ हो जाते हैं, जब बरसते नहीं तो काले रहते हैं। माताजी ने बताया कि जैन साधु धर्म का दान करते हैं, तभी तो उन्हें हजारों हाथों से आहार मिलता है। त्याग करने से व्यक्ति हल्का हो जाता है। जब हम त्याग करते हैं तो विचारों में सरलता आने लगती है। त्याग परिग्रह का प्रायश्चित होता है।
आओ ज्ञान बढायें प्रतियोगिता हुई
जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन ने बताया कि धर्मसभा से पहले दशलक्षण धर्म की पूजन हुई। इसके बाद सौधर्म इंद्र प्रमोद जैन परिवार ने दीप प्रज्वलित किया। शांतिधारा अरविंद कुमार जैन, विनोद कुमार जैन परिवार ने की। रात्रि में जैन मिलन महिला महानगर के द्वारा आओ ज्ञान बढायें प्रतियोगिता एवं जैन मिलन महिला फालका बाजार के द्वारा भक्ति नृत्य का आयोजन किया।
आज होगी आकिंचन्य धर्म की पूजा- प्रवक्ता ललित जैन ने बताया कि गुरुवार को चम्पाबाग बग़ीचीं में माताजी के सानिध्य में पर्युषण पर्व के उत्तम आकिंचन्य धर्म की आराधना पूजन किया जाएगा!