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जीवन में तप करना बड़ा कठिन, लेकिन धर्म की आस्था से बड़ा सरल हो जाता है-मुनिश्री विनयसागर
पर्यूषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की पूजा हुई। इसमें जैन धर्मावलंबियों ने पूरे विधि-विधान से पूजा की।

ग्वालियर-: तप हमारी आत्मा शरीर को उज्ज्वल बनाता है। जो जितनी साधना करेगा उतना ही अपने अाप को पवित्र कर सकता है। जीवन में तप करना बड़ा कठिन है, लेकिन धर्म की आस्था के साथ तटस्थ रहने पर तप करना भी बड़ा सरल हो जाता है। मनुष्य को तप की महिमा को भलीभांति समझ लेना चाहिए। यह पर्व व्रत उपवास आदि के माध्यम से तप साधना करने का है। तप कर्म रूपी पर्वतों को तोड़ने के लिए व्रज के समान है। तप से ही कर्मों की निर्जरा होती है। अतः तप आवश्यक है। उक्त उद्गार पर्युषण पर्व के सातवें दिन मंगलवार को उत्तम तप धर्म पर श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने साधनमय वर्षायोग समिति व सहयोगी संस्था पुलक मंच परिवार ग्वालियर एवं मुख्य संयोजक मनोज जैन, जैन कॉलेज के तत्वावधान में माधवगंज स्थित चातुर्मास स्थल अशियाना भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि शरीर सुखाने का नाम तप नहीं है इच्छाओं को शांत करने का नाम तप है। खुद में खुद को ढूंढने का नाम तप है। जिसे करने के बाद आत्मा निर्मल हो जाए उसका नाम तप है।आत्मा को तपाने के लिए पहले शरीर को तपाना पड़ेगा। तप होता है धर्म में तपने के लिए अपने मनुष्य जन्म को सार्थक बनाने के लिए तप करो तप करना तो स्वर्ग के देवी देवता सुर राज एवं इंद्रराज भी चाहते हैं लेकिन तप करने का सौभाग्य सिर्फ और सिर्फ मानव को प्राप्त है इसलिए इस जीवन को सार्थक करना है तो सभी को तप करना चाहिए अपने आपको तप में पकाना चाहिए। वही शाम को सांस्कृतिक कार्यक़म में बच्चो ने भक्ति नृत्य की प्रतुतिया दी।
इंद्रो ने उत्तम तप पर किया अभिषेक, तप पूजन पर महाअर्घ्य समपित करें।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज व पंडित ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन के मार्ग दर्शन में इंद्रो ने संगीतमय धुन पर भगवान जिनेंद्र का जयकारों के साथ अभिषेक किया। मुनिश्री ने अपने मुखबिंद से भगवान की शांतिधारा राजेश सरिता जैन, श्रीमती सरोज बोहरा एवं कमलेश राहुल जैन परिवार ने की। वही इंद्रा – इंद्राणियो ने मुकुट माला पहनाकर पीले वस्त्र धारण कर उत्तम तप धर्म एवं भक्तामर विधान महाअर्चना की अष्ट्रद्रव्य से पूजन अर्चना कर संगीतमय भजनों की भक्ति नृत्य करते हुए भगवान जिनेंद्र के समक्ष मढने पर महाअर्ध्य समर्पित किए।
मुनिश्री के सानिध्य में प्रतिदिन पर्यूषण पर्व कार्यक्रम होंगे
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज के मंगल सानिध्य में पर्यूषण महापर्व पर साधनामय संस्कार शिविर आरधान महोत्सव 31 से 09 सितंबर तक प्रतिदिन प्रातः 5:30 बजे से प्राणायाम योग ध्यान, 6: 30 बजे से अभिषेक शांतिधारा पूजन, 09 बजे से संगीतमय दस धर्मो पर प्रवचन, दोपहर 02 बजे से ज्योतिष वस्तु पंचांग शिविर, 3: 30 बजे से मुनिश्री द्वारा तत्वार्थसूत्र वाचन, 5:30 बजे से प्रतिक्रमण सामयिक, एवं सायंकाल भगवान की दीपो से महा आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।