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दिगंबर जैन मंदिरों में दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन हुई उत्तम मार्दव धर्म की पूजा-अर्चना

अहंकार मद और अभिमान पैदा करता है, अहम का त्याग करने वाला व्यक्ति ही हर जीव से अनुराग करता है-मुनिश्री

ग्वालियर-: अहंकार मद और अभिमान पैदा करता है। अहम से हम फूल तो सकते हैं, पर विस्तार को प्राप्त नहीं कर सकते। अहम का त्याग करने वाला व्यक्ति ही हर जीव से अनुराग करता है, किसी से राग नहीं करता। उक्त उद्गार पर्युषण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म पर श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने गुरुवार को साधनामय बर्षयोग समिति, सहयोगी संस्था पुलक मंच परिवार एवं मुख्य संयोजक मनोज जैन, जैन कॉलेज के तत्वावधान में माधवगंज स्थित चतुर्मास स्थल अशियाना भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

मुनिश्री ने कहा कि मान और अभिमान को छोड़कर मार्दव धर्म अपनाएं। समय बड़ा बलवान है, अहंकार ना पालिए क्योंकि वक्त के समंदर में कई सिकंदर डूब गए। मुनिश्री ने एक सूक्ति के माध्यम से समझाते हुए कहा अहंकार में तीन गए- धर्म, दौलत और वंश। विश्वास ना हो तो देखलो- रावण, कौरव, कंस। मुनिश्री ने कहा मार्दव धर्म का अर्थ है भावों में मृदुता आना। मान, कसाय से उठा हुआ व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। प्रशंसा की चाह करना ही मान कसाय है। विश्व में बड़े-बड़े संघर्ष और महाभारत मान के कारण ही हुए हैं। अहंकार, मान और मद को छोड़कर अपने आप में लीन हो जाना ही मार्दव धर्म है। भजन प्रतियोगिता मे बच्चो ने बढ़चढ़कर भजन सुनाए। विजेता बच्चो को समिति के पादधिकारियो ने पुरुस्कार वितरण किए गए।

मुनिश्री ने मंत्रो से कराया भगवान जिनेंद्र का महाअभिषेक, मंगल आरती उतारी

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज एवं पंडित ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन के मार्ग दर्शन में इंद्रो ने शुद्ध जल के कलशों से भगवान जिनेंद्र का जयकारों के साथ महा अभिषेक किया। मुनिश्री ने अपने मुखबिंद मंत्रो से भगवान जिनेंद्र की शांतिधाराशांतिधारा राधेलाल जैन ग्वालियर, श्रीमती सीताबाई कैलाश जैन, सरोज बोहरा, हेमंत जैन गोपाचल, विमल कुमार जैन एवं सुलेख जैन परिवार ने की। इंद्रा-इंद्राणियो ने भगवान जिनेंद्र की दीपो से महा आरती भक्ति नृत्य करते हुए उतारी।

शिवार्थीयो में संगीतमय उत्तम मार्दव की पूजन कर मंत्रो से जाप की
मुनिश्री के ससंघ सानिध्य में शिवार्थीयो के श्रावक श्राविकाएं ने पीले वस्त्र धारण कर मुकुटधारियो ने दसलक्षण पूजा, उत्तम मार्दव पूजन अष्ट्र द्रव्य लोग,बादाम, नारियल, धूप आदि से पूजा अर्चना संगीतकर शुभम जैन सैमी के मधुर ध्वनि भजनों के साथ इंद्र-इन्द्राणियों ने भक्ति नृत्य करते हुए भगवान जिनेंद्र के समक्ष महा अर्ध्य समर्पित किए।

मुनिश्री के सानिध्य में प्रतिदिन पर्युषण पर्व कार्यक्रम होंगे

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज के मंगल सानिध्य में पर्यूषण महापर्व पर साधनामय संस्कार शिविर आरधान महोत्सव 31 से 09 सितंबर तक प्रतिदिन प्रातः 5:30 बजे से प्राणायाम योग ध्यान, 6: 30 बजे से अभिषेक शांतिधारा पूजन, 09 बजे से संगीतमय दस धर्मो पर प्रवचन, दोपहर 02 बजे से ज्योतिष वस्तु पंचांग शिविर, 3: 30 बजे से मुनिश्री द्वारा तत्वार्थसूत्र वाचन, 5:30 बजे से प्रतिक्रमण सामयिक, एवं सायंकाल भगवान की दीपो से महा आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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