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चम्पाबाग मंदिर दानाआली में हुआ माताजी के सानिध्य में मुनिसुव्रतनाथ विधान

धर्म के पथ पर चलकर बनाऐं जीवन को उत्कृष्ट : विज्ञमति माताजी

ग्वालियर 27 अगस्त। श्री चम्पाबाग प्रबंध कार्यकारिणी के द्वारा शनिश्चरी अमावस्या को दानाओली स्थित चम्पाबाग मंदिर में पूज्य गणिनी आर्यिका विशुद्वमति माताजी एवं पूज्य गणिनी आर्यिका विज्ञमति माताजी के सानिध्य में एवं दमोह के प्रतिष्ठाचार्य पंड़ित डॉ अभिषेक जैन के मार्गदर्शन में मुनिसुव्रतनाथ महामंडल विधान का आयोजन किया गया जिसमें पूज्य माताजी के मुखारबिंद से शांनिधारा का वाचन किया गया एवं राकेश लुहाड़िया, चिरायु लुहाड़िया ने भगवान की शांतिधारी की।
इन्होने किया भगवान का अभिषेक- माताजी के सानिध्य में आयोजित इस विधान में सौधर्म ईन्द्र डॉ वीरेन्द्र कुमार गंगवाल, विकास गंगवाल, अंजू गंगवाल, संजय गोधा, ईन्द्र अजय छावड़ा, हुकुमचन्द्र वैघ, सुन्दर बैनाड़ा, धमेन्द्र कुमार गोधा ने भगवान का अभिषेक किया।
भगवान के चरणों में अष्टद्रव्य के अर्घ किए समर्पित 
इस अवसर मंदिर कमेटी के डॉ वीरेन्द्र कुमार गंगवाल, अध्यक्ष प्रमोद टोंग्या, सचिव पंकज छावडा, सहसचिव संजय गोधा, विनय कासलीवाल, निखिल गोधा, कोषाध्यक्ष महावीर जैन, अशोक पांडया, मनीष पाटनी, नीरज छाबड़ा, अतुल टोंग्या, सुरेन्द्र पांडया, रतन अजमेरा, पुरूषोत्तम जैन, मनोज सेठी, बालचन्द्र जैन, सुरेन्द्र जैन, ज्ञानचन्द्र गोधा ने भगवान के चरणों में अष्टद्रव्य के अर्घ समर्पित किए।

* त्याग साधना से जीवन में आता है निखार: माताजी*
इस अवसर पर पूज्य गणिनी आर्यिका विज्ञमति माताजी ने धर्मसभा को  सम्बोधित करते हुए कहा कि त्याग साधना से जीवन में निखार आता है। जैन दर्शन में त्याग और साधना का अत्यंत महत्व बताया गया है। त्याग ही जीवन को आत्मकल्याण के पथ पर ले जाता है। हमें यदि सब कुछ पाना है तो यह सांसरिक वस्तुओं के प्रति अपना राग हटाना होगा। वैसे भी यह सांसारिक वस्तुओं का तो एक दिना छूटना ही है, तो क्यो न हम स्वयं ही त्याग की साधना को मजबूूत करते हुए अपनी आत्मकल्याण के पथ को प्रशस्त करें। भगवान के गुणों का गुणगान करते हुए उनकी आरधना करते रहो, और स्वयं के कल्याण की भावना बनाओ। जो बीत गया सो बीत गया अब तो आज से ही अपने कदमों को धर्म के मार्ग पर बढाते हुए जीवन को उत्कृष्ट बनायें।
31 से पर्युषण पर्व में होगी विशेष साधना – ललित जैन ने बताया कि दिगम्बर जैन समाज के पर्युषण पर्व 31 अगस्त से 9 सितम्बर तक चलेंगे, जिसमें विशेष साधना करते हुए चम्पाबाग बगीची में पूज्य माताजी के सानिध्य में प्रात 6ण्30 से भगवान का अभिषेक एवं संगीतमय पूजन, दोपहर 2 बजे से माताजी के द्वारा तत्वार्थ सूत्र पर क्लास, सांय 7 बजे भगवान की आरती, एवं रात्री 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

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