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पंचकल्याणक के छठवें दिन मुनि आदि आहारचार्य हुई, ज्ञानकल्याणक, सूरिमंत्र, समवशरण का हुआ आयोजन
पंचकल्याणक में 6 माह बाद मुनि आदिकुमार निकाले आहारचार्य के लिए, पंडाल में गूंज हे स्वामी....नमोस्तु नमोस्तु...अत्रो अत्रो

ग्वालियर- फूलबाग मैदान अयोध्य नगरी में राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महाराज, मुनिश्री विनिबोध सागर व ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव जिनबिम्ब प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ चल रहा है। महोत्सव के आज छठवें दिन बुधवार को मुनि आदि का प्रथम आहारचार्य, ज्ञानकल्याणक, समवशरण में खिली दिव्यध्वनि, मुनिश्री ने प्रतिमाओ को दिया सूरिमंत्र।आयोजन में भोपाल के सगीतकर संजय कुमार ने भजनों का समागम बाधा।
मुनि आदि को 6 महीने उपरांत हस्तिनापुर में विधि मिल जाने पर इच्छु रस से आहार लिया।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि मुनि आदिनाथ की दीक्षा के उपरांत आदिकुमार का प्रथम आहार का दिन आता है और मुनिश्री आदिकुमार आहार के लिए हस्तिनापुर नगरी में पहुंचते हैं। जहां लगभग 6 माह तक मुनिश्री आदिकुमार को आहार प्राप्त नहीं होता है फिर छह माह के पश्चात मुनि आदिकुमार की अगवानी के लिए खड़े लोगों ने एक स्वर में बोला हे स्वामी.. नमोस्तु नमोस्तु…अत्रो अत्रो…यह सुनकर मुनि आहार के लिए आ गए और पंडाल में युवराज राजा श्रेयांश सिंघई विमल पूजा जैन और राजा सोम कुशाग्र दिशा जैन ने आहार देने के लिए तैयार होते हैं और मुनि आदिकुमार को 6 महीने उपरांत हस्तिनापुर में विधि मिल जाने पर इच्छु रस से भगवान को मुनि अवस्था में सैकड़ों लोगों ने आहार करवाया। महिला पुरुष कतार में एक-एक करक आ रहे थे और भगवान की प्रतिमा को आहार दान दे रहे थे।
मुनिश्री से मायासिंह व पूर्व महापौर समीक्ष गुप्ता ने आशीर्वाद लिया
महोत्सव में पूर्व मंत्री मायासिंह जी व पूर्व महापौर समीक्ष गुप्ता ने पहुँचकर मुनिराजों के चरणों मे श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। आयोजन समिति के डॉ वीरेंद्र गंगवाल, अजित वरैया, अध्यक्ष सिघई महेश गुरु, महामंत्री पवन जैन, संयुक्ता अध्यक्ष विकास गंगवाल, स्वागतध्यक्ष विमल जैन, विनय कासलीवाल, कोषाध्यक्ष वीरेद्र जैन पंकज जैन ने सहित महिलाओ ने साफ व टुपट उडकार सम्मानित किया।
समवशरण में खिली दिव्यध्वनि जिज्ञासाओं का हुआ समाधान, जानवर व भूतप्रेत भी आए
महोत्सव में भव्य समोशरण की रचना कि गई। समोशरण में गणधर के रूप में मुनिश्री विहर्ष सागर ने दिव्यध्वनि में बोले हुऐ कहा कि भगवान के उपदेश देने की सभा का समवशरण कहते है। जहाॅ पर सभी को समान रूप से आत्म कल्याण का अवसर प्राप्त होता है। मनुष्य, देव, भूतप्रेत एवं निर्भय सभी भगवान का इतना प्रभाव रहता है कि गाय और शेर, साॅप, नेवला अपने सरे बैर भाव को भूल जाते है। वही नगरी के लोगो की जिज्ञासों का समाधान मुनिश्री ने किए। शंभू शरण का उद्घाटन गौरव सौरभ जैन परिवार एवं मुनिश्री का पदाप्रच्छलन राजेश जैन भिंड व शास्त्र महेशचंद शैलजा जैन व मुख्यसूत्र अनिल माधवी जैन बने।समवशरण की आरती दिगंबर जैन सोशल ग्रुप ग्वालियर के संरक्षक विकास गंगवाल, निर्मल पाटनी, अनिल शाह, संस्थापक अध्यक्ष अंकित पाटनी व अध्यक्ष पुलक शिल्पी सचिव विपिन सुनीत व हितेंद्र जैन ने उतारी।
मुनिश्री ने 41 प्रतिमाओं को सूरिमंत्र देकर किया प्रतिष्ठा क्रियाएं –
मुनिश्री विहर्ष सागर के सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य पं0 अजित कुमार शास्त्री एवं सहप्रतिष्ठाचार्य पं. चंद्रप्रकाश जैन, अरविंद जैन, सुनील भडारी शशिकांत शास्त्री, ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन मार्ग दर्शन में पंचकल्याणक महोत्सव में भगवान पार्श्वनाथ, धर्मनाथ, वासपूज्य, आदिनाथ, चौबीस विशाल प्रतिमा और अन्य प्रतिमाओ को सूरिमंत्र कर उनको केवल ज्ञानोत्पति कर प्राण प्रतिष्ठा क्रियाएं की गई।
आज मोक्ष कल्याणक,विश्वशांति महायज्ञ, निकालेगी विशाल गजरथ रथयात्रा-
महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि आज गुरुवार को प्रातः 6 बजे से जाप्य, नित्य नियम पूजन, अभिषेक, के उपरात सिद्धत्व का मोक्ष गमन, निमार्ण कल्याणक, एवं विश्वशांति महायज्ञ होगा। 1 बजे से विशाल गजरथ जिनेन्द्र देव की शोभयात्रा निकाली जाएगी।