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गुजरात में बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर में रखे लाखों रुपए खा गए दीमक, ग्राहक ने पैसे मांगे तो बैंक बोला-हमारी जिम्मेदारी नहीं

घरों में रखी खून-पसीने की कमाई चोरी होने लगी तो लोग इसे बैंकों में रखकर निश्चिंत होने लगे। किंतु अब बैंकों में रखे हुए रुपए भी सुरक्षित नहीं हैं, इससे लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है। गुजरात से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें बैंक में रखे हुए ग्राहक के लाखों रुपए उपयोग करने लायक नहीं बचे और बैंक भी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया। गुजरात के वडोदरा शहर में रेहानाबेन कुतुबुद्दीन डेसरवाला नामक बैंक ग्राहक ने करीब 2 महीने पहले बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में लॉकर किराए पर लिया था। रेहानाबेन ने लॉकर नंबर 252 में 2.20 लाख रुपए रखे थे। लॉकर में 5, 10, 100 और 500 रुपए के नोटों की गड्डियां रखी हुई थी। निजी व्यस्तताओं के चलते वह काफी दिनों तक बैंक नहीं गईं और इस दौरान उसे ज्यादा कैश की जरूरत भी नहीं पड़ी।

बैंक ऑफ बडोदरा की ये ब्रांच गुजरात के बडोदरा शहर के प्रतापनगर में स्थित है। जब रेहानाबेन बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच में अपने लॉकर में रखे अपने कैश को लेने गईं तो उसके होश उड़ गए। दरअसल, रेहानाबेन ने जो लाखों रुपए का कैश बैंक के लॉकर में रखा था उसे दीमक खा गईं थीं। रेहानाबेन ने इस बात की शिकायत बैंक अधिकारियों से की और नुकसान की भरपाई के लिए गुहार लगाई है।

इस घटना ने बैंक कर्मचारियों की लापरवाही भी उजागर कर दी है। बैंक प्रबंधन अब लॉकर रूम में पेस्ट कंट्रोलिंग कराने की तैयारी कर रहा है। लेकिन इस घटना के सामने आने के बाद लोग अपने लॉकर को लेकर अलर्ट हो गए हैं। प्रतापनगर स्थित इस ब्रांच में अन्य लॉकर की भी जांच की जा रही है कि कहीं अन्य लॉकर में भी दीमक ने नुकसान तो नहीं पहुंचाया है।

बता दें कि इस तरह के मामलों में RBI का कहना है कि लॉकर किराए पर देते समय संबंधित बैंक को लॉकर के बारे में पूरी जानकारी ग्राहक को देनी चाहिए, लेकिन अक्सर बैंक की तरफ से ऐसा नहीं होता है। नियमानुसार लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी बैंक नहीं लेता है क्योंकि बैंक को नहीं पता होता है कि ग्राहक ने लॉकर में क्या रखा है। इस वजह से बैंक किसी भी नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।
इसके अलावा चोरी या अन्य किसी आपराधिक वारदात के मामले में बैंक की तरफ से कानूनी कार्रवाई की जाती है लेकिन प्राकृतिक वजह से ग्राहक के हुए नुकसान की भरपाई बैंक नहीं करता है।

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