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तमिलनाडु के छात्र ने बनाई सबसे हल्की 33 मिलीग्राम वजन की सेटेलाइट, NASA ने की तारीफ

विज्ञान में वैश्विक स्तर पर भारत अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। चिकित्सा और रिसर्च में भारत से बड़ी संख्या में लोग वैश्विक स्तर पर परचम लहरा रहे हैं। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए तमिलनाडु के छात्र रियासदीन सम्सुद्दीन ने दुनिया का सबसे हल्का सैटेलाइट तैयार किया है। बताया जा रहा है कि इस भारतीय युवा की खोज की तारीफ अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA भी कर रही है। हालांकि, उनका यह अविष्कार अभी नासा के लॉन्च पर निर्भर करता है। ये सैटेलाइट प्रिंटेड पॉलीथेरीमाइड थर्मोप्लास्टिक से बनी है।
उम्मीद जताई जा रही है कि अगर यह मैटेरियल स्पेस में बचा रहा, तो गोल्ड और टाइटेनियम जैसे चीजों का उपयोग सैटेलाइट में कम हो जाएगा। इन सैटेलाइट को जिस मैटेरियल से तैयार किया है, वह एक तरह का रेजिन है। खास बात है कि इसका उपयोग सैटेलाइट के इस्तेमाल में आने वाले सोने और टाइटेनियम जैसी चीजों की जगह पर हो सकता है। सैटेलाइट में इन मैटेरियल का इस्तेमाल लंबे समय तक चलने और वजन में हल्का रहने के लिए किया जाता है।
बता दें कि रियास फिलहाल त्रिची की शस्त्र यूनिवर्सिटी में मेकट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष के छात्र हैं। रियास की बनाई हुई सैटेलाइट का वजन 33 मिलीग्राम है और इसका आकार महज 33 मिलीमीटर है। उन्होंने FEMTO वैराइटी की सैटेलाइट विजन सैट 1 और 2 तैयार की हैं। ये दोनों सैटेलाइट चौकोर हैं, जिसमें 11 सेंसर लगे हुए हैं। खास बात है कि ये सेंसर माइक्रोग्रैविटी पर शोध में मददगार साबित होंगे।
உலகின் மிகவும் எடை குறைவான இரண்டு செயற்கைக்கோள்களை வடிவமைத்துள்ள தஞ்சை மாணவர் ரியாஸூதீன் அவர்களுக்கு தலைவர் திரு. @ikamalhaasan அவர்கள் தனது பாராட்டுக்களை தெரிவித்தார்.#தலைநிமிரட்டும்தமிழகம் pic.twitter.com/azFHjZ8PQJ
— Makkal Needhi Maiam | மக்கள் நீதி மய்யம் (@maiamofficial) December 28, 2020
वी1 सैटेलाइट की लंबाई 37 एमएम जबकि वी 2 की 30 एमएम है। क्यूब्स में 11 सेंसर हैं जिन्हें पॉलिथेरिमाइड थर्मोप्लास्टिक रेसिन और थ्री डी प्रिंटिग टेक्नॉलजी से बनाया गया है। सैटलाइट्स 17 पैरामीटर को रेकॉर्ड कर सकती हैं। वी 1 नासा के एसआर-7 रॉकेट मिशन का हिस्सा होगी जिसे अगले साल जून में विरजीनिया से लॉन्च किया जाएगा जबकि वी 2 अगस्त में लॉन्च की जाएगी। शस्त्र के वाइस चांसलर एस वैद्यसुब्रमण्यम ने बताया, ‘रियासदीन को इस क्षेत्र में सक्सेसफुल स्टार्टअप के लिए 5 लाख रुपये की ग्रांट दी जाएगी।’
✍️ रिपोर्ट: दिनेश दिनकर