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सोशल मीडिया पर बिहार के किसी नेता या अफसर के खिलाफ़ की आपत्तिजनक टिप्पणी तो होगी कार्रवाई, आदेश जारी

सोशल मीडिया पर लोग नेताओं और अधिकारियों पर टिप्पणी करना और विशेष मुद्दों को लेकर चर्चा करना अपनी अभिव्यक्ति की आजादी समझते हैं। किंतु अब बिहार में इस आजादी को सीमित किया जा रहा है। अब बिहार में सोशल मीडिया पर किसी मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारी और कर्मचारी के साथ किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर संबंधित व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। प्रतिष्ठा हनन या छवि धूमिल करने के आरोप में आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जाएगी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बिहार सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव को पत्र लिखकर ऐसे किसी पोस्ट की शिकायत करने पर कार्यवाही करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक या तथ्यहीन पोस्ट करने पर अब कार्रवाई को लेकर गुरुवार को इस संबंध में ईओयू द्वारा जारी पत्र में ऐसे किसी पोस्ट की सूचना देने का आग्रह किया गया है जिससे व्यक्ति या संस्थान के साथ सरकार की प्रतिष्ठा का हनन होता है या किसी की छवि धूमिल होती है। इस श्रेणी में आपत्तिजनक, अभद्र और भ्रांतिपूर्ण टिप्पणी आएगी।

एडीजी ईओयू एनएच खान ने सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उनके अधीन किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ ऐसा कोई पोस्ट सामने आता है तो तुरंत इसकी जानकारी दें। इसे सोशल मीडिया का दुरुपयोग मानते हुए जांच की जाएगी और आईटी एक्ट के तहत पोस्ट डालनेवाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

जानकारी के मुताबिक, साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए राज्य में ईओयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच में वह स्थानीय पुलिस को भी सहयोग देती है। चूंकि भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट साइबर क्राइम की श्रेणी में आएगा, लिहाजा ईओयू की ओर से यह पत्र लिखा गया है।

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