
अपने मुल्क की तरक्की को लेकर इमरान खान की सरकार लाख दावे करती हो किन्तु पाकिस्तान के नागरिकों को अपने देश के साथ परदेश में भी बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, मलेशिया की सरकारी विमानन कंपनी ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के एक बाईंग 777 यात्री विमान को जब्त कर लिया है। बता दें कि यह विमान लीज पर लिया गया था और पैसा नहीं चुकाने पर विमान को जब्त कर लिया गया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह विमान लीज पर लिया गया था और पैसा नहीं चुकाने पर विमान को जब्त कर लिया गया है।
It is an unacceptable situation and PIA has engaged the support from Government of Pakistan to take up this matter using diplomatic channels
— PIA (@Official_PIA) January 15, 2021
बताया जा रहा है कि क्वालालंपुर हवाई अड्डे पर घटना के समय विमान में यात्री और चालक दल सवार था, लेकिन उन्हें बेइज्जत कर उतार दिया गया। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने एक ट्वीट कर बयान जारी करते हुए कहा कि पीआईए की एक एयरलाइन को मलेशिया की स्थानीय अदालत ने वापस मंगवा लिया है। यह एकतरफा फैसला है। यह विवाद पीआईए और अन्य पार्टी के बीच लंदन की अदालत में लंबित है।
पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक इन विमानों को विभिन्न कंपनियों से समय-समय पर ड्राई लीज पर लिया गया है। मलेशिया ने जिस विमान को जब्त किया है, वह भी लीज पर था लेकिन लीज की शर्त के तहत पैसा नहीं चुकाने पर इस विमान को क्वालालंपुर में जब्त कर लिया गया है। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान से उसके कभी बेहद करीब रहे सऊदी अरब ने अपने तीन अरब डॉलर वापस मांग लिए थे। इमरान सरकार ने चीन से लोन लेकर सऊदी अरब के लोन को चुकाया था।
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के पास इस समय 12 बोइंग 777 विमान हैं। जो उसने दुनिया की अलग अलग कंपनियों से लीज पर लिए हुए हैं। पीआईए की खराब हालत का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि वो इन विमानों का किराया तक नहीं भर पा रही है और दुनिया के तमाम एयरपोर्ट्स की फीस भी उसपर बकाया है।
पाकिस्तान के लोगों पर गिर रहे कहर की बात करें तो पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति ऋण पिछले वित्त वर्ष के अंत में 28 प्रतिशत बढ़कर एक लाख 53 हजार 689 रुपए हो गया। यानी पाकिस्तान में पैदा होने वाला व्यक्ति एक लाख 53 हजार 689 रुपए का कर्ज लेकर पैदा हो रहा है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने नेशनल असेंबली को देते हुए कहा कि सभी बजट रणनीति लक्ष्य चूक गए हैं, जिसकी वजह से सार्वजनिक ऋण तेजी से बढ़ गया है। अपनी वार्षिक राजकोषीय नीति 2019-20 में वित्त मंत्रालय ने बताया कि उसका मौजूदा व्यय साल 2018-19 में 19 साल के उच्चतर स्तर पर रहा।