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देश में गणतंत्र दिवस समारोह 2021 पर कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष नहीं होगा Chief Guest

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव के लिए बेशक भारत में वैक्सीन लगवाने की चर्चाएं जोरों पर चल रही हैं किन्तु कोविड-19 का प्रभाव अभी भी हमारे दैनिक जीवन में देखने को मिल रहा है। इस वैश्विक महामारी की गंभीरता को समझते हुए बार गणतंत्र दिवस पर किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया गया है।

विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को यह जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा, ‘कोविड-19 की वैश्विक स्थिति के चलते यह फैसला लिया गया है कि इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी राष्‍ट्र प्रमुख, मुख्‍य अतिथि के रूप में नहीं हो।’

विदित हो कि ब्रिटिश पीएम जॉनसन को भारत में गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करना था लेकिन ब्रिटेन में कोराना का नया स्‍ट्रेन सामने आने के बाद उन्‍होंने भारत दौरे को लेकर असमर्थता जताई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा स्थागित होने के बाद मीडिया में खबरें चल रही थीं कि अब बोरिस जॉनसन की जगह सूरीनाम के भारतीय मूल के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी 26 जनवरी को मुख्य अतिथि होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार की ओर से सूरीनाम के राष्ट्रपति को न्योता दिया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। अब भारत सरकार के चीफ गेस्ट न आने के बयान के बाद अब इन चर्चाओं पर विराम लग गया।

 

ऐसे में अब भारत सरकार द्वारा यह तय किया गया है कि गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) पर इस बार मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी मेहमान नहीं होगा। सरकार द्वारा किसी नए विदेशी मेहमान को अब इसके लिए फिर से निमंत्रण नहीं भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि यह चौथा ऐसा मौका होगा जब भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई भी चीफ गेस्ट नहीं होगा। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में ऐसा हो चुका है। वहीं, कई बार ऐसे मौके भी आए जब देश के गणतंत्र दिवस समारोह में दो-दो अतिथि भी शामिल हुए। साल 1956, 1968 और 1974 में दो-दो मुख्य अतिथि शामिल हुए। वहीं, साल 2018 में 10 एशियाई देशों के प्रमुख गेस्ट के रूप में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे। यह पहला मौका था जब इतने देशों के मुखिया 26 जनवरी के परेड में शामिल हुए थे।

बता दें कि कोरोना वायरस को देखते हुए इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में काफी बदलाव किए गए हैं। इस साल परेड की दूरी को हमेशा की तुलना में कम किया गया है। जानकारी के मुताबिक, इस साल परेड विजय चौक से शुरू होकर लाल किले के बजाय नेशनल स्टेडियम पर ही खत्म हो जाएगी। विजय चौक से लाल क़िले की दूरी तकरीबन 8.2 किलोमीटर है लेकिन विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक की दूरी सिर्फ 3.3 किलोमीटर यानी कह सकते है कि इस साल की परेड आधे से कम दूरी में खत्म हो जाएगी।

इसके साथ ही परेड में कोविड-19 के सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन किया जाएगा। हर बार मार्चिग कंटिजेंट में 144 सैनिक होते थे लेकिन इस बार सिर्फ 96 शामिल होंगे। जो परेड 12/12 के साइज़ के कंटिजेंट में होती थी वहीं इस बार 8/12 का मार्चिंग कंटिंजेंट होगा। यही नहीं, इस बार राजपथ पर परेड देखने वाले लोगों की संख्या को काफी हद तक घटा दिया है। पहले तकरीबन एक लाख पंद्रह हज़ार लोग परेड देखते थे लेकिन इस बार सिर्फ 25 हज़ार लोग ही परेड देख पाएंगे। आयोजन के दौरान कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। इसके साथ ही बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बांग्लादेश ट्राइ-सर्विस मार्चिंग कंटेस्टेंट और सेरेमोनियल बैंड इस साल गणतंत्र दिवस परेड में नई दिल्ली के राजपथ पर हिस्सा लेंगे।

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