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5 वर्षीय बच्ची ने 4.17 मिनट में 150 देशों के झंडे पहचान कर बनाया विश्व रिकॉर्ड, लोग कर रहे तारीफ

बच्चों को परिवार में जिस तरह की परवरिश दी जाती है अमूमन बच्चे उसी तरह अपने व्यक्तित्व का प्रदर्शन करते हैं। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के कारण देशभर में घोषित लॉकडाउन के दौरान बेशक स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए हों किन्तु प्रतिभाशाली बच्चों का हुनर बंद नहीं हो सका। 5 वर्षीय प्रेशा खेमानी ने मात्र 4 मिनट और 17 सेकंड में 150 देशों के झंडे पहचानते हुए उनके नाम व राजधानी बताकर विश्व रिकॉर्ड बना दिया है।
बता दें कि प्रेशा को हाल ही में विश्व रिकॉर्डस इंडिया बुक में सबसे कम उम्र के बच्चों को दिए जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रेशा ने न्यूनतम समय के भीतर राष्ट्रीय ध्वज और उनके देशों के नाम को पहचानने के लिए ‘Youngest Kid to Identify Flags and Country Names’ का खिताब जीता है। प्रेशा खेमानी का परिवार मध्य प्रदेश के उज्जैन से है। वे पिछले छह साल से पुणे में रह रहे हैं। उसके पिता भरत पुणे में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं।
अपनी होनहार बेटी प्रेशा के बारे में मां संगीता ने बताया, ‘हमारे दोस्तों ने भूगोल और विभिन्न राष्ट्रों के झंडों में प्रेशा की गहरी रुचि को देखते हुए उसे एक किताब भेंट की।’ उन्होंने कहा, ‘प्रेशा ने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगीन झंडों में गहरी रुचि दिखाई और मुझसे उन देशों के बारे में पूछना जारी रखा।’ प्रेशा ने विभिन्न देश और उनकी राजधानियों के नाम सुनकर याद रखा और उन देशों के झंडों को भी पहचानने का अभ्यास जारी रखा।’
#Lockdowns across the world have brought many inspiring stories and one among them is the story of five-year-old #PreshaKhemani, who set a world record by naming 150 countries along with their capitals after identifying the flags in just four minutes and 17 seconds. pic.twitter.com/JeAejS8VYL
— IANS Tweets (@ians_india) January 6, 2021
प्रेशा के पिता भरत ने इस बारे में बताया, ‘प्रेशा ने सात सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान, लगभग 150 देशों, उनकी राजधानियों और उनके झंडों के बारे में अच्छी तरह से सीखा। आखिरकार, सात सप्ताह में वह दुनिया के सात महाद्वीपों में स्थित विभिन्न देशों के नाम और राजधानियों के साथ उनके झंडे को पूरी तरह से याद कर लिया।’
पांच वर्षीय प्रेशा का लक्ष्य अब विभिन्न राष्ट्रों की मुद्राओं, भाषाओं और प्रधानमंत्रियों/राष्ट्रपतियों के नाम सीखना है। उसने कहा, ‘अब मैं जल्द ही दुनियाभर के देशों की मुद्राओं, भाषाओं और नेताओं के बारे में जानूंगी।’ प्रेशा संस्कृति स्कूल के भुकुम कैंपस में यूकेजी में पढ़ती हैं।
✍️ रिपोर्ट: दिनेश दिनकर