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युवा संसद समारोह में PM मोदी ने राजनीति में वंशवाद पर हमला करते हुए युवाओं से की खास अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर द्वितीय राष्ट्रीय युवा संसद उत्सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में वंशवाद की बीमारी अभी पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई है। पीएम ने ज्यादा से ज्यादा युवाओं को राजनीति में आने की अपील की, ताकि वंशवाद को खत्म किया जा सके। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहें।
Inspired by the great ideals of Swami Vivekananda and his vision for youth empowerment, the National Youth Parliament Festival gives a platform to India’s youth to showcase their skills. It also furthers the spirit of ‘Ek Bharat, Shreshtha Bharat’ among youngsters.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 11, 2021
इस दौरान महोत्सव के तीन राष्ट्रीय विजेताओं ने भी अपने विचार रखे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वह फाइनल में पहुंचे विजेताओं के भाषण अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करेंगे। उन्होंने कहा कि आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। पीएम ने कहा कि आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है।
स्वामी विवेकानंद के विचारों पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है। पीएम ने कहा कि लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। व्यक्ति से संस्थाएं और संस्थाओं से व्यक्ति तक, ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है।
Addressing the National Youth Parliament Festival. https://t.co/OtaqUrBnZS
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2021
देश की राष्ट्रीय भावना और चेतना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने राष्ट्रीय भावना और चेतना को जगाया। उस समय आजादी के जंग लड़ रहे थे वो स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरित थे उनकी गिरफ्तारी के समय स्वामी विवेकानन्द का इतिहास से सम्बंधित साहित्य जरूर मिलती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक कदम है. हम एक इको-सिस्टम बना रहे हैं, जो हमारे युवाओं को यहां बेहतर अवसर देगा।
महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी जी ने शारीरिक और मानसिक शक्ति पर समान रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा – ‘लोहे की मांसपेशियां और स्टील की नसें’। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित, हम विशेष रूप से भारतीय युवाओं की मानसिक और शारीरिक फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है. क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।
देश के युवाओं को आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। पीएम ने कहा कि लेकिन आज की राजनीति में निष्पक्ष लोगों को भी मौका मिल रहा है. ईमानदारी और प्रदर्शन आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती है। भ्रष्टाचार जिनकी विरासत थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है। पीएम ने कहा कि राजनीतिक वंशवाद, नेशन फर्स्ट के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
बता दें कि राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (NYPF) का उद्देश्य 18 से 25 वर्ष के बीच के युवाओं के विचारों को सुनना है जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में शामिल होंगे। NYPF की अवधारणा प्रधानमंत्री के 31 दिसंबर, 2017 को अपने मन की बात के संबोधन में व्यक्त किए गए विचार पर आधारित है। इस विचार से प्रेरणा लेते हुए, पहला महोत्सव ‘भारत की नई आवाज बनें और समाधान खोजें एवं नीति के लिए योगदान दें’ विषय के साथ 12 जनवरी से 27 फरवरी 2019 तक आयोजित किया गया था। पीएमओ के मुताबिक, दूसरा NYPF ऑनलाइन माध्यम से 23 दिसंबर, 2020 को आयोजित किया गया था और पहले चरण में देश भर के 2.34 लाख युवाओं ने भाग लिया।
इसके बाद 1 से 5 जनवरी, 2021 तक वर्चुअल माध्यम से राज्य युवा संसदों द्वारा इसका अनुसरण किया गया। दूसरे NYPF का समापन कार्यक्रम 11 जनवरी, 2021 को संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। पीएमओ के मुताबिक, राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन हर वर्ष 12 से 16 जनवरी को किया जाता है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय युवा महोत्सव के साथ-साथ NYPF का भी आयोजन किया जा रहा है।