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73 साल में पहली बार नहीं छपेगा भारत में बजट डॉक्युमेंट, केंद्रीय वित्त मंत्री पढ़ेंगी सॉफ्ट कॉपी से बजट भाषण

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस ने साल 2020 को बुरी तरह प्रभावित किया था। बेशक हम नव वर्ष 2021 में पहुंच गए हैं किन्तु कोविड-19 के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। पहली बार आम बजट से जुड़ी चीजों में भी तब्दीलियां की गई हैं। इस बार एक फरवरी को पेश होने वाला बजट (2021-22) नहीं छपेगा। ऐसा पहली बार होगा जब बजट की प्रतियां प्रकाशित नहीं होंगी। अर्थात् बजट के सारे कागज की सॉफ्ट कॉपी मौजूद होगी। जानकारी के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के चलते यह फैसला लिया गया है। भारतीय इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब बजट के कागज नहीं छापे जा रहे हैं।

बजट की परंपरा के मुताबिक, बजट दस्तावेजों को वित्त मंत्री सूटकेस में रखकर ले जाते हैं। पिछली बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के कागजों को सूटकेस की जगह बहीखाते के रूप में लेकर गई थीं, जिसकी अच्छी-खासी चर्चा हुई थी। इस बार बजट की सॉफ्ट कॉपी साझा की जाएगी। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि यूनियन बजट और इकोनॉमिक सर्वे के दस्तावेज नहीं छापे जाएंगे और सॉफ्ट कॉपी दी जाएगी। संसद के सभी सदस्यों को आम बजट की सॉफ्ट कॉपी मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा। बजट सत्र दो हिस्सों में होगा जिसमें पहला चरण 29 जनवरी को शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा। बजट सत्र का दूसरा भाग 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। इस बार 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे।

जानकारी के मुताबिक, बजट के डॉक्यूमेंट्स को लेकर दो विकल्प रखे गए थे। सभी सांसदों को सॉफ्ट कॉपी दी जाए या किसी को नहीं। वहीं, जो सांसद टेक सैवी नहीं हैं, उनके लिए सीमित संख्या में कॉपी छापना मुमकिन नहीं था। दलील दी गई कि दस्तावेज छापे गए तो उन्हें लाने-ले जाने में कोरोना संक्रमण का जोखिम हो सकता है।

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